हिसार

अपनी आवाज उठाने के लिए दिल्ली जायेगी महिलाएं—शीला

हिसार,
दिल्ली में महिलाओं की होने वाली विशाल रैली में सैकड़ों महिलाएं हिस्सा लेगी। महिलाओं के विरुद्ध हिंसा, भूख, बेरोजगारी और गरीबी के खिलाफ अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति की केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर दिल्ली में महिलाओं की 4 सितंबर 2018 को विशाल रैली होने जा रही है। इसमें हिसार से सैकड़ों महिलाएं शिरकत करेंगी। उक्त बयान जारी करते हुए जनवादी महिला समिति हिसार की कार्यकारिणी सचिव शीला ने बताया कि जब से केंद्र व हरियाणा प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार आई है तब से महिलाएं बेहद संकट से गुजर रही हैं। एक तरफ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर सरकार अपनी पीठ ठोक रही है और दूसरी तरफ मानवता को शर्मसार करने वाली अनगिनत जघन्य घटनाएं हमारे सामने हो रही हैं।
जम्मू के कठुआ में 8 साल की बच्ची के साथ 8 दिनों तक मंदिर में बलात्कार या उत्तर प्रदेश के उन्नाव में भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर बलात्कार का आरोप लगने के बावजूद उसे गिरफ्तार नहीं किया गया जबकि पीड़िता के पिता को ही झूठे आरोप में गिरफ्तार करके पुलिस हिरासत में पीट-पीटकर मार डाला गया हो, इन घटनाओं ने यह साबित कर दिया की भाजपा सरकार बेटियों के साथ नहीं बल्कि अपराधियों व गुंडों के साथ खड़ी है। ऐसी शर्मसार कर देने वाली घटना पहली बार देश में हुई जब वकीलों समेत भाजपा के मंत्री तथा राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के लोग तिरंगे के साथ जलूस निकालते हुए अपराधियों व बलात्कारियों के पक्ष में खड़े हो गए ।
रैली की तैयारियों पर बात करते हुए श्रीमती शीला ने बताया की जिला के 30 से 35 गांवों व शहर की 20 कालोनियों में महिलाओं की सभाएं की गई। मीटिंगों के दौरान महिलाओं का गुस्सा साफ तौर से भाजपा सरकार के खिलाफ फूट पड़ा।
हिंसा की मार झेलने के साथ साथ महिलाएं गरीबी, बेरोजगारी ,कुपोषण और महंगाई की मार भी झेल रही हैैं। कई सालों से गरीबी रेखा के राशन कार्ड नहीं बन रहे। राशन वितरण व्यवस्था ठप्प पड़ी है। महिला समिति की नेताओं का कहना है कि, महिलाएं खुद को ठगा हुआ महसूस कर रही हैं। रोजगार के नाम पर उनके साथ बड़ा धोखा किया जा रहा है। जहां मदर ग्रुप की महिलाओं को महीने में केवल 250 से400 मिलते हैं उनका भुगतान भी महीनों से नहीं हुआ है और अब तो सरकार उनसे यह काम भी छीन लेना चाहती है।
ऐसा ही मनरेगा मैं काम करने वाली महिलाओं की हालत है सो दिन काम मिलना तो दूर पिछले काम की मजदूरी भी नहीं मिली है। जहां महिलाओं में सरकार की नोटबंदी के खिलाफ गुस्सा दिखाई दिया वही संसद व विधानसभाओं में एक तिहाई आरक्षण बिल को सत्ताधारी पार्टी द्वारा लटकाया जाना भी वायदा खिलाफी लग रहा है। सरकार के बेहरे कानों तक पुरजोर आवाज पहुंचाने के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में महिलाएं 4 सितंबर को दिल्ली पहुंचेंगी और पूरे भारत की महिलाओं के साथ अपनी आवाज एकजुटता के साथ उठाएंगी। महिलाओं का साफ कहना है कि इस रैली के माध्यम से वे भाजपा सरकार को बता देना चाहतीं हैं कि उनके साथ हुई वायदा खिलाफी का जवाब वे 2019के चुनावों में जरूर देगी।

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