धर्म

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—295

एक राजा बहुत साहसी और कुशल शासक था। वह समय-समय पर मनोरंजन के लिए जंगल में शिकार के लिए अकेला ही जाता था। एक दिन वह ऐसे ही शिकार पर गया तो जंगल में रास्ता भटक गया। वह वापस अपने राज्य लौटने का रास्ता भूल गया।

सुबह से शाम हो गई, लेकिन वह रास्ता खोज नहीं सका। भूख-प्यास की वजह से हालत खराब होने लगी थी।

सूर्यास्त के बाद राजा को एक कुटिया दिखाई दी। राजा वहां गया तो देखा कि कुटिया में एक वनवासी था। राजा ने उससे भोजन और पानी मांगा। वनवासी ने राजा का उचित सत्कार किया।

इस अतिथि सत्कार से राजा बहुत प्रसन्न हुआ और वनवासी से कहा कि हम इस राज्य के राजा हैं और तुम्हारे आतिथ्य से खुश हैं, इसीलिए हम तुम्हें चंदन का बाग भेंट में देते हैं। वनवासी ने राजा को महल पहुंचने का रास्ता बता दिया। अगले दिन वनवासी भी राजमहल पहुंचा और राजा ने अपने मंत्री से वनवासी को चंदन का बाग देने की बात कही। राजा के आदेश पर वनवासी को चंदन का बाग मिल गया। वह चंदन के संबंध में अज्ञानी था। उसे चंदन के गुण और उसके महत्व की जानकारी नहीं थी।

वनवासी रोज चंदन की लकड़ी जलाकर उससे कोयला बनाता और कोयला बाजार में बेचकर आ जाता था। धीरे-धीरे बाग के सभी चंदन के पेड़ खत्म हो गए। वनवासी ने अंतिम पेड़ भी काट दिया। वह लकड़ी जलाकर कोयला बनाता उससे पहले बारिश होने लगी। तब उसने सोचा कि आज लकड़ी ही बेच आता हूं।

जब वनवासी चंदन की लकड़ी लेकर बाजार में गया तो चंदन की महक बाजार में फैल गई। वनवासी की सभी लकड़ियां बहुत ज्यादा दाम में बिक गईं। ये देखकर वनवासी हैरान हो गया, उसने सोचा मैंने तो इस बहुमूल्य लकड़ी को जला-जलाकर कोयला बनाकर बेचा, जबकि इससे तो बहुत ज्यादा धन प्राप्त किया जा सकता था। वनवासी को समझ आ गया कि अज्ञानता की वजह से उसने खुद का कितना बड़ा नुकसान कर लिया है।

धर्मप्रेमी सुंदरसाथ जी, ऐसे ही हम अपने अनमोल जीवन को इधर—उधर की व्यर्थ बातों में खो रहे हैं। प्रभु ने ये अनमोल जीवन हमें नेक कार्यों को करने के लिए दिया है। असहाय की सेवा करने के लिए दिया है। प्रेम के साथ इस जगत को संवारने के लिए ये जीवन मिला है और हम इस जीवन को तेरा—मेरा और राग—द्वेष में धकेलकर व्यर्थ कर देते हैं।

Related posts

परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—48

Jeewan Aadhar Editor Desk

ओशो : काहे होत अधीर

ओशो : सन्यास

Jeewan Aadhar Editor Desk