विश्वविद्यालय के कैंपस स्कूल में तुलसी दिवस आयोजित, निबंध में विजेताओं को दिए तुलसी के पौधे
हिसार,
जिस प्रकार तुलसी अपने औषधीय गुणों व धार्मिक प्रवृति के कारण बहुगुणी व पूजनीय है उसकी प्रकार हमें भी इस बहुगुणी पौधे से प्रेरणा लेकर सर्वगुण संपन्न होना चाहिए। हमें भी अपने घर पर तुलसी का पौधा लगाकर उसकी सेवा करनी चाहिए और उसका उपयोग करना चाहिए।
यह बात हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बीआर कम्बोज ने कहे। वे विश्वविद्यालय के कैंपस स्कूल में औषधीय, सुगंधित एवं क्षमतावान फसल अनुभाग की ओर से आयोजित तुलसी दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारे देश में प्राचीन समय से ही तुलसी धार्मिक व औषधीय महत्ता है। तुलसी की अनेक प्रजातियां पाई जाती हैं परंतु इसमें रामा तुलसी तथा श्यामा तुलसी प्रमुख हैं जो हमारे घरों में, बाग-बगीचों में तथा हर्बल पार्क आदि में आसानी से पाई जाती हैं। तुलसी के पत्ते औषधीय गुणों से परिपूर्ण होते है। इसमें अनेक ऐसे तत्व पाए जाते हैं जिसमें विषणुओं से लडऩे की क्षमता होती है। प्राचीन काल से ही सर्दियों में जुकाम, बुखार, खांसी एवं कफ के निवारण के लिए तुलसी की पत्तियों का काढ़ा बनाया जाता है। उद्योगों में तुलसी का तेल सुगंध बनाने, खांसी-जुकाम की दवा, टूथपेस्ट, माऊथवाश, कन्फेक्शनरी आदि के निर्माण में किया जाता है।
मुख्य वक्ता शिवकुमार वैद्य ने तुलसी के औषधीय गुणों के बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी और सभी से आह्वान किया कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने घरों में तुलसी का पौधा लगाना चाहिए और यथासंभव उसका उपयोग करना चाहिए। कार्यक्रम में स्कूल के विद्यार्थियों व अन्य मौजूद लोगों को तुलसी के पौधे वितरित किए गए।
कैंपस स्कूल में तुलसी दिवस के उपलक्ष्य में निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें राधिका ने प्रथम, अभिषेक ने द्वितीय व योगिता ने तृतीय स्थान हासिल किया। कुलपति ने विजेता प्रतिभागियों को तुलसी का पौधा देकर सम्मानित किया और उन्हें अन्य लोगों को भी तुलसी का पौधा घर में लगाने के लिए प्रेरित करने को कहा। इस दौरान कैंपस स्कूल की छात्रा ने तुलसी के महत्व को दर्शाती एक कविता भी प्रस्तुत की।