आंगनवाड़ी आंदोलन के लिए सरकार जिम्मेवार : बिमला राठी
आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन का धरना 49वें दिन भी जारी
हिसार,
आंगनवाड़ी केन्द्रों को निजी एनजीओ के अधीन करने व अधिकारियों की प्रताडऩा के विरोध में तथा वर्ष 2018 में किया गया समझौता लागू करवाने की मांग पर आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन का धरना व अनशन आज 49वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता जिला प्रधान बिमला राठी व सरोज डोभी ने संयुक्त रूप से की जबकि संचालन कलावती खरक पूनिया व व संगीता गंगवा ने किया। पांच वर्कर व हेल्पर क्रमिक अनशन पर बैठी जिनमें हिसार अर्बन से सीमा, कैलाश हसनगढ़, सुदेश राजली, दर्शना किरतान व प्रोमिला बालावास शामिल रहीं।
धरने पर आई जिलेभर की वर्कर एवं हेल्पर को संबोधित करते हुए बिमला राठी ने कहा कि सरकार एवं विभागीय अधिकारी सच्चाई को दरकिनार करते हुए अपनी जिम्मेवारी से मुंह मोड़ रहे हैं। आंगनवाड़ी आंदोलन के लिए सरकार एवं विभागीय अधिकारियों को जिम्मेवार ठहराते हुए उन्होंने कहा कि वर्ष 2018 में किया गया समझौता लागू करना सरकार की जिम्मेवारी थी लेकिन इस जिम्मेवारी को निभाने की बजाय सरकार ने वादाखिलाफी और तीन वर्ष तक समझौता लागू नहीं किया। यही नहीं आंगनवाड़ी नेता कमला दयोरा पर प्रताडऩा की कार्यवाही शुरू कर दी। यूनियन ने फिर भी बातचीत के माध्यम से मसले का हल निकालने का प्रयास किया लेकिन सरकार, मंत्री एवं विभागीय अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी तो मजबूर होकर आंगनवाड़ी महिलाओं को आंदोलन के लिए सडक़ों पर बैठना पड़ा। उन्होंने कहा कि आंदोलन के दौरान सडक़ों पर बैठी आंगनवाड़ी महिलाएं साबित कर रही है कि बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ व महिला सशक्तिकरण का नारा देने वाली सरकार में बेटियों व महिलाओं की क्या हालत है। उन्होंने कहा कि भाजपा ऐसी पहली सरकार है, जिसने वर्ष 2018 के आंदोलन के दौरान महिलाओं पर लाठीचार्ज व वाटर कैनन का प्रयोग किया और उन्हें शमशान घाट में रूकने को विवश कर दिया। ऐसे में सरकार एवं मंत्रियों को चाहिए कि वे महिला सशक्तिकरण के नारे देना बंद करें क्योंकि अब जन-जन ने जान लिया है कि भाजपा सरकार में बेटियों व महिलाओं की क्या हालत है।
आंगनवाड़ी नेता सुशीला जांगड़ा व सरोज डोभी ने अधिकारियों द्वारा सेंटरों के ताले तोडऩे व वहां नोटिस चिपकाने की कड़ी निंदा की और कहा कि अधिकारियों की इस प्रताडऩा की कार्यवाही का पुरजोर विरोध किया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग के अधिकारी सेंटर संचालकों को परेशान कर रहे हैं। ऐसे अधिकारियों पर यूनियन की पूरी नजर है उन्हें प्रताडऩा की कार्यवाही से बचना चाहिए अन्यथा उनका भी विरोध शुरू कर दिया जाएगा। किसान नेता दिलबाग सिंह हुड्डा, सतबीर सिंह रूहिल व विरन्द्र सिंह पूनिया सहित अनेक ने धरनास्थल पर पहुंचकर आंगनवाड़ी आंदोलन का समर्थन किया।