उज्जैन,
पूरे देश में किसान कर्ज से परेशान होकर आत्हत्या को गले लगा रहे हैं। पिछले कई महीनों में मध्य प्रदेश में बड़ी संख्या में किसानों की खुदकुशी का सिलसिला जारी है। खबर है कि प्रदेश के नरसिंहपुर जिले में कर्ज से परेशान किसान ने जहर खाकर अपनी सांसे रोक ली। वहीं पिछले एक हफ्ते में कर्ज के बोझ तले दबे छह किसानों ने आत्महत्या कर ली है। इसमें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह जिले का एक किसान भी शामिल है। पूरा मामला नरसिंहपुर के सुआतला थाने के गुड़वारा गांव का है जहां किसान मथुरा प्रसाद लोधी ने देर रात कीटनाशक पी कर अपनी जिंदगी खत्म कर ली।
मृतक के परिजनों का आरोप है कि बैंक कर्मी घर आये थे और कर्ज की वसूली का दबाब बना रहे थे। कर्ज से परेशान किसान ने देर रात जहर खाकर मौत को गले लगा लिया। परिजन उन्हें अस्पताल लाए लेकिन डॉक्टरों ने मथुराप्रसाद को मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौप दिया।
बीजेपी किसान मोर्चा के जिला मंत्री ने खाया जहर
विदिशा में कर्ज और कर्जदारों के दबाब के चलते BJP किसान मोर्चा के जिला मंत्री 42 वर्षीय विनोद दांगी ने जहर खाकर कर ली है। घटना सोमवार दोपहर की है। मृतक विनोद किसानी करता था और इसके अलावा BJP किसान मोर्चा में जिलामंत्री था। मृतक ने रसूखदारों से कर्ज लिया था। कर्ज तो मृतक दे चुका था लेकिन ब्याज मांग रहे रसूखदारों ने मृतक के साथ अभद्रता की ऐसा मृतक ने पुलिस को मरणाशन्न बयान दिया था। जिसके आधार पर पुलिस ने 306 के तहत तीन लोगों पर मामला किया दर्ज है।
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साहूकारों के कर्ज से परेशान किसान ने की आत्महत्या वहीं प्रदेश के राजगढ़ में कर्ज से परेशान किसानों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। बुधवार को राजगढ़ जिले के बोड़ा थानाक्षेत्र के खानपुरा गांव में 60 वर्षीय एक दलित बुजुर्ग किसान ने साहूकारों के कर्ज से परेशान होकर गांव के पेड़ पर फांसी लगा कर आत्महत्या कर ली। दूसरी तरफ गन्ने के पैसे नहीं मिलने और अपनी फसल का भाव नहीं मिलने पर कर्ज के बोझ से परेशान किसान ने जहर खाकर आत्महत्या कर ली। किसान का शव पेड़ से झूलता मिला रतलाम के सेजावता गांव के एक किसान कलुगिरी गोस्वामी का उनके खेत पर पेड़ से झूलता शव मिला। सूचना मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया। पुलिस ने मौके पर पहुंच कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।
परिजनों का कहना है कि पिछले कुछ दिनों से कलुगिरी कर्ज को लेकर परेशान था हालांकि कर्ज किसलिए कब लिया यह उसने नहीं बताया था। लेकिन घर पर एक नोटिस के आने की बाद से वो परेशान था। इधर पुलिस का इस मामले पर कहना है कि अभी किसी कर्ज की या अन्य किसी वजह से आत्महत्या का कारण सामने नहीं आया है। फिलहाल जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। प्रदेश के उज्जैन जिले के एक किसान ने बैंकों के कर्ज के कारण मौत को गले लगा लिया।किसान की मौत के बाद जिले भर के किसानों में खासा आक्रोश है।