क्या आप भी अपनी लोन नहीं दे पा रहे हैं? और बैंक आप पर पैसे देने का दबाव बना रहा है तो आपको घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। दरअसल आपके पास कई ऐसे अधिकार हैं, जिसके आधार पर बैंक से सवाल जवाब कर सकते हैं। साथ ही आप बैंक की वसूलने की प्रक्रिया के बारे में भी जान सकते हैं, जिससे आपको कोई दिक्कत का सामना ना करना पड़े।
वसूली एंजेंट नहीं कर सकते परेशान
वसूली एजेंट किसी अन्य व्यक्ति से आपके लोन के बारे में चर्चा नहीं कर सकता है। अगर वो आपके कर्ज के बारे में पड़ोसियों या सह-कार्यकर्ता को बताने के लिए धमकाता है तो आपके उसके खिलाफ शिकायत कर सकते हैं। वहीं वसूली एजेंट को सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बीच संपर्क करना चाहिए। आप उन्हें किसी विशेष स्थान या समय पर फोन नहीं करने का अनुरोध भी कर सकते हैं। एजेंट आपको तंग नहीं कर सकते और वे आपकी फैमिली को भी नुकसान नहीं पहुंचा सकते।
नोटिस का अधिकार
समय पर लोन चुकाने में नाकाम रहने से अपने बकाया की वसूली के लिए आपकी संपत्ति पर कब्जा जमाने से पहले बैंक को प्रक्रियाओं का पालन करना पड़ता है। साथ ही बैंक आपको पैसे चुकाने के लिए पर्याप्त समय भी देता है। अगर कर्जदार के खाते को नॉन परफॉर्मिंग ऐसेट्स (एनपीए) में डाल दिया गया है और 90 दिनों से बकाया का भुगतान नहीं किया गया है तो पहले बैंक को 60 दिनों का एक नोटिस जारी करना पड़ता है।
उचित मूल्य का अधिकार
अगर बैंक आपकी संपत्ति नीलाम भी करता है तो बैंक आपसे पहले संपत्ति की कीमत आदि को लेकर आपसे बात जरूर करेगा। साथ ही नीलाम होने के बाद अपने पैसे काटकर वो बिक्री की कीमत वापस चुका देगा।
सुनवाई का अधिकार
नोटिस पीरियड के दौरान आप अथॉराइज्ड अधिकारी के सामने अपनी बात रख सकते हैं और संपत्ति को जब्त करने के नोटिस पर अपनी आपत्ति जता सकते हैं। इसके बाद अधिकारी को सात दिन के अंदर जवाब देना होगा। अगर आपकी आपत्तियों को वह खारिज करता है तो इसके वैध कारण भी बताने होंगे।