सिरसा

सिरसा लोकसभा सीट पर भाजपा का भारी विरोध, किसानों ने 2 जगह भाजपा नेताओं को दिखाएं काले झंड़े, रतिया में भी किसानों ने विरोध करने की ठानी

फतेहाबाद,
सिरसा लोकसभा में भाजपा की राह किसान मुश्किल करते हुए नजर आने लगे हैं। फतेहाबाद में किसानों ने करनौली में भाजपा के लोकसभा प्रत्याशी डा.अशोक तंवर का विरोध किया, वहीं चनकोठी में विधायक लक्ष्मण नापा को भी किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा। दोनों नेताओं को काले झंड़े दिखाए गए और उनके गांव से चले जाने तक विरोध जारी रखा। किसान संगठनों ने दो दिन पूर्व भी बैठक कर रतिया में 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री आगमन का विरोध करने का निर्णय लेते हुए कहा था कि गांव में भी भाजपा के कार्यक्रमों का विरोध किया जाएगा।

गांव करनौली में सिरसा लोकसभा क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी डॉ. अशोक तंवर के विरोध में पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति से जुड़े किसानों ने नारेबाजी की। बड़ी मुश्किल से पुलिसकर्मियों ने काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों को रोका और उसके बाद तंवर गाड़ी में बैठकर काफिले के साथ आगे बढ़े।

इस दौरान भाजपा जिलाध्यक्ष बलदेव भी अशोक तंवर के साथ थे। दरअसल, सोमवार को गांव करनौली से अशोक तंवर के प्रचार अभियान के तहत पहली जनसभा का आयोजन किया गया था। जैसे ही अशोक तंवर अपनी जनसभा खत्म करके जाने लगे तो उन्हें देखते ही पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के सदस्य किसानों ने नारेबाजी शुरू कर दी।

किसान नारेबाजी करते हुए तंवर की गाड़ी के चारों तरफ इकट्ठे हो गए। विरोध प्रदर्शन की पहले से आशंका होने के कारण काफी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था। इन पुलिसकर्मियों ने किसानों को रोका।

विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों की तरफ गाड़ी की खिड़की में खड़े होकर भाजपा प्रत्याशी अशोक तंवर ने हाथ हिलाकर अभिवादन किया। इससे किसानों ने और तेजी से बीजेपी सरकार व अशोक तंवर के मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए। किसानों ने यहां तक भी कह दिया कि हारेगा। पुलिसकर्मियों ने किसानों को रोका तो उन्होंने पुलिस प्रशासन के खिलाफ भी नारेबाजी करनी शुरू कर दी।

वहीं गांव चनकोठी में विधायक लक्ष्मण नापा को ग्रामीण दौरे के दौरान किसान संगठनों के विरोध का सामना करना पड़ा। किसानों ने एकजुट होकर विधायक के गांव में आगमन पर विरोध जताते हुए उन्हें काले झंडे दिखाए और भाजपा सरकार और विधायक के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। हालांकि किसानों द्वारा विरोध करने की सूचना मिलने के चलते प्रशासन द्वारा सदर थाना प्रभारी ओमप्रकाश बिश्नोई भारी पुलिस बल लेकर पहुंचा।

जिस तरह से किसानों ने भाजपा के चुनावी कार्यक्रमों का विरोध करना शुरू कर दिया है उसके चलते सिरसा लोकसभा से भाजपा के उम्मीदवार के लिए मुश्किलें खड़ी हो गई है। क्योंकि किसान संगठनों ने दो दिन पूर्व भी बैठक कर रतिया में 5 अप्रैल को मुख्यमंत्री आगमन का विरोध करने का निर्णय लेते हुए कहा था कि गांव में भी भाजपा के कार्यक्रमों का विरोध किया जाएगा।

भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां हरियाणा के ब्लॉक अध्यक्ष गुरलाल सिंह ने कहा कि भाजपा की प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार ने किसानों के साथ वादा खिलाफी की है। हरियाणा प्रदेश में बाढ़ के कारण बहुत नुकसान हुआ। परंतु हरियाणा सरकार ने बाढ़ ग्रस्त इलाकों में फसलों, बाढ़ के कारण घरों की मरम्मत और बाढ़ के कारण खराब हुए ट्यूबवेल की मरम्मत करने के लिए मुआवजा देने का वादा किया था।

परंतु मुआवजा मात्र 12 प्रतिशत किसानों को मुआवजा दिया गया तथा बाकी 88 प्रतिशत किसान पिछले 6 महीने से मुआवजे को तरस रहे हैं, वहीं 20 फरवरी को दिल्ली जा रहे किसानों पर बहुत ही बर्बरता पूर्व गोलियां मारी गई तथा यूपी में किसानों को कुचलने का काम करते हुए किसानों की हत्या की गई इसलिए वह किसानों के हत्यारे भाजपा के नेताओं को गांव में नहीं घुसने देंगे। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को चुनाव के वक्त ही ग्रामीणों की याद आ रही है।

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