नई दिल्ली,
पीएम मोदी ने दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य योजना की शुरुआत की है। 25 दिसंबर से यह योजना देशभर में लागू होगी। यह बेशक एक स्वास्थ्य योजना है लेकिन, इससे रोजगार भी मिलेगा। केंद्र सरकार की स्वास्थ्य बीमा योजना आयुष्मान भारत के तहत पांच साल के दौरान रोजगार के करीब 10 लाख अवसर पैदा होंगे। यह अनुमान स्वास्थ्य मंत्रालय का है। सरकारी और निजी अस्पतालों में सीधे तौर पर एक लाख आयुष्मान मित्र तैनात होंगे। इन आयुष्मान मित्रों को 15 हजार रुपए महीना का वेतन भी मिलेगा। इनकी भर्ती के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय व कौशल विकास मंत्रालय के बीच एक करार भी हुआ है। 20 हजार आयुष्मान मित्र इस वर्ष में तैनात कर दिए जाएंगे।
किन पदों पर बनेंगे अवसर
योजना लागू होने के बाद डॉक्टर, नर्स, स्टाफ, टेक्नीशियन जैसे कुछ अन्य पदों पर भी नौकरियों को अवसर बनेंगे। फिलहाल, इस योजना से देशभर के 20 हजार अस्पतालों को जोड़ा जा रहा है। आयुष्मान मित्रों को हर लाभार्थी पर 50 रुपए का इंसेंटिव भी मिलेगा।
क्या करेंगे आयुष्मान मित्र
> आयुष्मान भारत पोर्टल की जानकारी हासिल करनी होगी।
> मरीजों को लाभ देने के लिए तैयार हो रहे सॉफ्टवेयर पर काम करना होगा।
> क्यूआर कोड के मुताबिक लाभार्थी के पहचान पत्र की सत्यता भी जांचनी होगी।
> मरीज का जिस अस्पताल में इलाज होना है उसे जानकारी देनी होगी।
> मरीज के डिस्चार्ज होने पर स्टेट एजेंसी को जानकारी देनी होगी।
ट्रेनिंग भी देगी सरकार
आयुष्मान मित्र के पद के लिए जिनका चयन होगा, उन लोगों को एक ट्रेनिंग दी जाएगी। यह ट्रेनिंग सरकार का कौशल विकास मंत्रालय देगा। ट्रेनिंग में उन्हें काम से जुड़ी तमाम जानकारी और बारिकियां दी जाएंगी। ट्रेनिंग पूरी होने पर स्वास्थ्य मंत्रालय के तहत एक परीक्षा भी आयोजित होगी। इस परीक्षा में पास होने वाले लोगों को ही आयुष्मान मित्र के पद के लिए नियुक्त किया जाएगा। वहीं, राज्य की जरूरत के मुताबिक उन्हें नौकरी दी जाएगी।
कौन कर सकता है आवेदन
आयुष्मान मित्र बनने के लिए सरकार की ओर से योग्यता तय की गई है। आयुष्मान मित्रों के पदों पर कैंडिडेट की न्यूनतम योग्यता 12वीं पास होगी। इसके साथ ही उम्मीदवार को कंप्यूटर की बेसिक जानकारी होनी चाहिए। अधिकतम उम्र की कोई सीमा नहीं है। न्यूनतम उम्र 18 साल होगी।
योजना की खास बातें…
> 5 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस देने वाली यह सबसे बड़ी योजना है।
> केंद्र और राज्य सरकार मिलकर करेंगे इस योजना की फंडिंग।
> 10 करोड़ से ज्यादा परिवारों यानी 50 करोड़ से ज्यादा लोगों को मिलेगा इसका लाभ।
> अभी तक देशभर के 13,000 से अधिक अस्पताल जुड़ चुके हैं।
> 5 लाख तक का जो खर्च है उसमें अस्पताल में भर्ती होने के अलावा जरुरी जांच, दवाई, भर्ती से पहले का खर्च और इलाज पूरा होने तक का खर्च भी शामिल है।
> 30 राज्य 443 जिलों को मिली प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना की सुविधा।
> 86% ग्रामीण परिवारों का कोई हेल्थ इंश्योरेंस नहीं।
> प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना या आयुष्मान भारत योजना का लाभ उठाने के लिए आधार कार्ड
जरूरी नहीं।
> आधार कार्ड वोटर आईडी कार्ड या राशन कार्ड दे सकते हैं।
> बीमा योजना से जुड़े सभी अस्पतालों में एक आयुष्मान मित्र लोगों की मदद के लिए होगा।
> महंगे इलाज के कारण गरीबी से बाहर नहीं निकल पाती जनता।