कैथल हरियाणा हिसार

आंगनवाड़ी महिलाओं के सब्र का बांध टूटा, सोमवार से सेंटर रहेंगे बंद

जगमति की मौजूदगी में व बिमला राठी की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया फैसला

हिसार,
आंगनवाड़ी केन्द्रों को निजी एनजीओ के अधीन करने के विरोध में तथा वर्ष 2018 में किया गया समझौताा लागू करवाने की मांग पर आंदोलन कर रही आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन ने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है। इसके तहत अब सोमवार से कोई भी सेंटर नहीं खोला जाएगा और विरोध प्रदर्शनों की धार ​तीखी की जाएगी।
इस संबंध में आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन की जिला कार्यकारिणी की बैठक प्रधान बिमला राठी की अध्यक्षता में हुई। बैठक में वरिष्ठ महासचिव जगमति मलिक विशेष रूप से उपस्थित रही। बैठक में कहा गया कि 40 दिन से अधिक के आंदोलन के बाद भी जब विभागीय मंत्री की आंखें नहीं खुल रही तो सरकार संवेदनहीन बनी हुई है तो आंदोलन तेज करना ही एकमात्र रास्ता है। ऐसे में अब आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन ने निर्णय लिया है कि सोमवार से कोई भी सेंटर नहीं खोला जाएगा। बैठक में कहा गया कि आंगनवाड़ी महिलाओं के लंबे आंदोलन के प्रति संवेदनहीनता दिखाकर अपने ही बेटी बचाओे—बेेटी पढाओे व महिला सशक्तिकरण के नारे को सरकार ने तार—तार करके रख दिया है। सरकार का यह रवैया पूरी तरह से निंदनीय है और आंगनवाड़ी महिलाएं अपना आंदोलन और तेज करेगी।
इसके साथ ही आंगनवाड़ी महिलाओं से अपील की गई कि वे अधिक से अधिक संख्या में आंदोलन में हिस्सा लेकर इसे मजबूती दें। बैठक में कहा गया कि कोई भी वर्कर किसी भी प्रकार की रिपोर्ट ना दें और सेंटर भी ना खोलें। ये राज्य कमेटी का फैसला है। बैठक में आंगनवाड़ी नेताओं ने कहा कि ​यदि कोई वर्कर रिपोर्ट देती है और सेंटर खोलती हैं तो वो यूनियन का नुकसान कर रही है। उन्होंने कहा कि हमने इस हड़ताल के दौरान पीएमएमवीवाई स्कीम, आपकी बेटी अपनी बेटी स्कीम और माताओं और ननिहालो को सूखा राशन बांटकर अपना सेंटर का कार्य भी किया है लेकिन ज्वाइनिंग लैटर देने का मतलब हैे कि आपने सेंटर का कार्य ही नहीं किया। उन्होंने कहा कि ऐसे में यदि भविष्य में किसी का मानदेय काट लिया जाता है तो यूनियन की कोई जिमेवारी नहीं होगी और ऐसी वर्कर अपना खुद का नुकसान कर रही है। आंगनवाड़ी नेताओं ने बैठक में कहा कि यूनियन के आंदोलन का सरकार पर पूरा दबाव बना हुआ है, हमारी जीत पक्की है बस अपनी एकता बनाये रखें। उन्होंने कहा कि इससे पहले कभी पंचकूला हैड आफिस से कोई भी धरने पर नहीं आया था। बैठक में कहा गया कि वरिष्ठ महासचिव जगमति मलिक व अन्य ने बहुत मेहनत से यूनियन खड़ी की है, उनकी मेहनत को बेकार नहीं जाने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि बर्खास्त नेता कमला दयौरा ने भी अपनी बहाली का आफर ठुकरा दिया और कहा कि मै अपने फायदे के लिए आंगनवाड़ी बहनों का नुकसान नहीं होने दूंगी। ऐसे में हम सबका कर्तव्य बनता है कि हम राज्य कमेटी के फैसले को मानते हुए एकता बनाए रखें। राज्य कमेटी ने सरकार को नोटिस भेज दिया कि सोमवार से हम कर्मिक हड़ताल पर है और जल्दी मांगे नहीं मानी तो राज्य प्रधान और कमला दयौरा आमरण अनसन पर बैठेगी। उन्होंने कहा कि अब समय सैंटर खोलने का नहीं है, एक आवाज के साथ लडाई लडने का समय है।

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