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आंगनवाड़ी महिलाओं ने डाला पंचकूला में पड़ाव, भारी पुलिस तैनात

राज्यभर से आई हजारों महिलाओं ने निदेशालय का घेराव करके किया प्रदर्शन

पंचकूला,
आंगनवाड़ी केन्द्रों को निजी एनजीओ के अधीन करने व अधिकारियों की प्रताडऩा के विरोध में तथा वर्ष 2018 में किया गया समझौता लागू करवाने की मांग पर प्रदेशभर की आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर पंचकूला निदेशालय के समक्ष गरजी। आंगनवाड़ी महिलाओं ने जोरदार नारेबाजी करके सरकार एवं विभाग पर उनकी मांगों की अनदेखी के खिलाफ जमकर रोष जताया। आंगनवाड़ी महिलाओं ने दिन में ही ऐलान कर दिया था कि किया है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी गई तो वे वापिस नहीं जाएंगी और पंचकूला में ही पड़ाव डाल देंगी। अपने ऐलान को सिरे चढ़ाते हुए महिलाओं ने चंडीगढ़—पंचकूला बार्डर पर पड़ाव डाल दिया और देर रात तक महिलाएं धरने पर बैठी रही। महिलाओं के प्रदर्शन को देखते हुए भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस की अनेक गाड़िया व अन्य वाहन महिलाओं पर नजर रखे हुए है। फिलहाल सरकार की ओर से बातचीत का कोई प्रस्ताव नहीं आया है।
इससे पहले आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन की अगुवाई में राज्यभर से पंचकूला पहुंची हजारों हेल्परों व वर्करों ने निदेेशालय का घेराव करके प्रदर्शन किया। सभी ने विभाग की मंत्री एवं निदेशक पर मांगों की अनदेेखी करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वे समस्या का समाधान नहीं चाहते। राज्यभर से आई आंगनवाड़ी महिलाओं की अगुवाई करते हुए राज्य अध्यक्ष कुंज भट्ट, महासचिव जगमति मलिक व राज्य सचिव अनुपमा सैनी ने कहा कि सरकार की नीयत इसी बात से स्पष्ट हो जाती है कि वर्ष 2018 में किया गया समझौता भी अभी तक लागू नहीं किया गया। इस दौरान सरकार एवं विभागीय मंत्री से अनेक बार पत्र व्यवहार व मुलाकात करके समझौता लागू करने की मांग की गई लेकिन साढ़े तीन वर्ष से मामले को लगातार टाला जा रहा है। अब सरकार ने एक और जनविरोधी कदम उठाते हुए आंगनवाड़ी केन्द्रों को निजी एनजीओ के अधीन करने का निर्णय लिया है। आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन ने स्पष्ट कर दिया है कि आंगनवाड़ी महिलाएं इस एनजीओ के अधीन काम नहीं करेंगी और न ही एनजीओ को रिपोर्ट करेगी। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी को एनजीओ के अधीन करके सरकार बच्चों की शुुरूआती शिक्षा को ही छिन्न-भिन्न करना चाहती है। कुछ समय बाद एनजीओ आंगनवाड़ी केन्द्रों को बंद देगा, जिससे बच्चों की शुरूआती शिक्षा पर बुरा प्रभाव पड़ेगा। प्रदर्शनकारी महिलाओं को अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।
हिसार जिला प्रधान बिमला राठी व सह सचिव सुशीला जांगड़ा ने बताया कि हिसार जिले सेे सैंकड़ों महिलाएं इस प्रदर्शन में शामिल हुई है। प्रदर्शन ऐतिहासिक रहा है और अब सरकार की जिम्मेवारी है कि वह बातचीत से समस्या का समाधान करती है या फिर समस्या को बढ़ाती है। उन्होंने जिले से भारी संख्या में प्रदर्शन में पहुंचने पर वर्करों व हेल्परों का आभार जताया और कहा कि यदि वे इसी एकजुटता से आंदोलन में डटी रही तो उनकी जीत निश्चित है।

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