मेवात हरियाणा

डिप्थीरिया से दस बच्चों की मौत , दर्जनों पीड़ित

नूंह,
डिप्थीरिया ( गलघोटू ) की बीमारी बच्चों की जान पर भारी पड़ रही है। नूंह जिले के नूंह और पुन्हाना खंड में 10 बच्चों की मौत हो चुकी है। गलघोटू की बीमारी से मौत होने का यह पहला मामला है। स्वास्थ्य विभाग मौत के कारणों और बीमारी का पता लगाने में जुट गया है। आशंका स्वास्थ्य विभाग को भी है कि मौतों की वजह डिप्थीरिया है। अब जांच के बाद इस पर सिर्फ मोहर लगनी बाकि है। मरने वाले या पीड़ित बच्चों की उम्र 2 -10 वर्ष के आसपास है। पशुओं में इस बीमारी से मौतों का सिलसिला तो पुराना है , लेकिन इंसानों की जान भी बीमारी से खतरे में पड़ गई है।

स्वास्थ्य विभाग ने मौत के आंकड़ों को देखते हुए टीमें जांच के लिए उन इलाकों में भेज दी हैं ,जहां गलघोटू के केस पाए गए हैं। जिला नोडल अधिकारी एवं डिप्टी सिविल सर्जन डॉक्टर लोकवीर सिंह के मुताबिक बीमारी तो पहले भी होती थी ,लेकिन मौत नहीं हुई थी। जिले में दस बच्चों की जान जाने की बात सामने आई है और 21 बच्चों को जांच में बीमारी के लक्षण मिले हैं। बीमारी से ग्रसित बच्चों का आंकड़ा बढ़ने से इंकार नहीं किया जा सकता। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग ने गांव में टीम भेजकर जांच शुरू कर दी है। जानलेवा बीमारी जिन गांवों में सामने आई है। उसमें ग्रामीण बीमारी और जान जाने के डर से भयभीत दिखाई दे रहे हैं।

31 बच्चों में से मरने और बीमारी से ग्रसित बच्चियों की संख्या 11 बताई जा रही है , तो 20 लड़के शामिल हैं। स्वास्थ्य विभाग बीमारी की जांच से लेकर निपटने का दावा कर रहा है ,लेकिन लोगों को जान बचाने के लिए निजी अस्पतालों में इलाज के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। गलघोटू की बीमारी राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और हरियाणा के नूंह जिले में तेजी से बढ़ रही है। मौत का आंकड़ा भी बढ़ रहा है , जो चिंता का विषय बनता जा रहा है।

गलघोटू से हुई मौत
साबरीन पुत्री नमीन उम्र 5 साल निवासी बादली , अरमान पुत्र लियाकत निवासी मालब उम्र 10 वर्ष , नासिर पुत्र याहया निवासी रायपुरी उम्र 10 वर्ष , कैफा पुत्री हमीद निवासी मन्नाकी उम्र 8 वर्ष , अस्वाना पुत्री कासम निवासी बाजीदपुर उम्र 3 वर्ष , आदिल पुत्र असलम निवासी दिहाना उम्र 6 वर्ष , सोफ़िया पुत्री जाहिद निवासी दिहाना उम्र 3.6 वर्ष , मुसैब पुत्र जाकिर निवासी हैबतका उम्र 3 वर्ष , फरदीन पुत्र अनवर निवासी दिहाना उम्र 5 वर्ष इत्यादि की जान जा चुकी है।

पीड़ित बच्चों का आंकड़ा
वाफान , फैजल , अफनान , सैद , दिलसुबा , अफ़ीफ़ा , अयान , सहनाज , सुमैय्या , शबाना , फरमान , सलमान , शाहरुख़ , मुज़म्मिल , फिरोज , रिहाना , सादिक मोहमद , साहिना , मोहमद अनस , सफरीन , साइमा इत्यादि शामिल हैं।

किन – किन गांवों में सामने आये केस
बादली , सलम्बा , दल्लाबास , मालब , दिहाना , आकेड़ा , रायपुरी , तावडू , मन्नाकी , बाजीदपुर , जमालगढ़ , हैबतका , चिल्ला , लफूरी ,मूलथान , देवला नंगली गांव में गलघोटू बीमारी के केस स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सामने आ चुके हैं।

इंद्रधनुष हुआ फेल
डिप्थीरिया यानि गलघोटू की बीमारी जिन बच्चों में पाई गई है या बीमारी से मौत की आशंका है। उन सभी बच्चों की उम्र लगभग दस वर्ष से कम है। बच्चों को बिमारियों से बचाने लिए भले ही मिशन इंद्रधनुष या कई योजनाएं चलाई गई हों , लेकिन गलघोटू की बीमारी ने स्वास्थ्य विभाग के हाथ पांव फूला कर रख दिए हैं।

कैसे फैलती है बीमारी
डिप्टी सिविल सर्जन एवं जिला नोडल अधिकारी डॉक्टर लोकवीर सिंह ने बताया कि सांस के माध्यम से बीमारी में गला सूजने लगता है। धीरे – धीरे बीमारी बढ़ने पर मरीज की मौत हो जाती है। स्वास्थ्य विभाग ने मामला सामने आते ही नूंह तथा पुन्हाना खंड में टीमों कर जांच के लिए भेज दी हैं। मौत को वजह गलघोटू है या फिर कोई अन्य बीमारी है। इसके बारे में जल्दी ही पता चल जायेगा।

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