कैथल हरियाणा हिसार

क्रमिक अनशन पर बैठकर गरजी आंगनवाड़ी महिलाएं, गीतों में दर्शाया रोष

जिला प्रधान बिमला राठी ने रखी सरकार के समक्ष मांगे

रोडवेज नेता दलबीर किरमारा व अन्य ने मौके पर पहुंचकर किया आंदोलन का समर्थन

हिसार,
आंगनवाड़ी केन्द्रों को निजी एनजीओ के अधीन करने के विरोध में तथा वर्ष 2018 में किया गया समझौता लागू करवाने सहित अन्य मांगों पर आंदोलनरत आंगनवाड़ी वर्कर एवं हेल्पर यूनियन ने चेतावनी दी है कि यदि समय रहते उनकी आवाज नहीं सुनी गई तो आंदोलन को और तीव्र किया जाएगा। यूनियन ने सवा माह के आंदोलन के बाद भी सरकार के नकारात्मक रवैये पर रोष जताया है।
यहां के लघु सचिवालय के समक्ष चल रहे धरने के 41वें दिन की अध्यक्षता जिला प्रधान बिमला राठी ने की जबकि राजबाला सहारण व सुनीता हिंदवान ने संचालन किया। मौके पर पहुंचे हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य अध्यक्ष दलबीर किरमारा एवं अन्य ने आंगनवाड़ी महिलाओं का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि सरकार को आंगनवाड़ी महिलाओं की मांगे तुरंत मानकर बड़प्पन का परिचय देना चाहिए। आंगनवाड़ी महिलाओं ने आंदोलन को तीव्र करते हुए क्रमिक अनशन शुरू कर दिया है। इसके तहत धीरनवास से गीता, हांसी-1 से सुशीला गगनखेड़ी, हिसार-1 से पूनम बालावास, नारनौंद से कमलेश पेटवाड़, हिसार-1 से सुनीता मंगाली अनशन पर बैठी। मनतारी चोपड़ा ने सरकार विरोधी गीत गाए और नारेबाजी की।
यूनियन की जिला प्रधान बिमला राठी ने इस अवसर पर कहा कि लंबे आंदोलन की बाद भी सरकार की संवेदनहीनता से वर्करों व हेल्परों में रोष है। कैथल में विभाग की मंत्री के आवास के बाहर चार माह से हेल्पर व वर्कर धरने पर बैठी है वहीं जिला स्तर पर धरने चलते हुए 41 दिन हो गये हैं। सरकार ने आज तक उनके मांग व मुद्दों पर कोई चर्चा नहीं की है उल्टा उनके आंदोलन को दबाने के लिए हर संभव जतन किए जा रहे हैं।
बिमला राठी ने कहा कि उनकी मुख्य मांगों में 2018 में खट्टर सरकार द्वारा बोला गया कुशल अर्ध कुशल का दर्जा देने, 2018 में प्रधानमंत्री मोदी द्वारा दिया गया दीवाली का तोहफा वर्कर को 1500 और हेल्पर को 750 की बढ़ोतरी लागू करने, वर्कर से सीधा शत प्रतिशत सुपरवाइजर प्रमोशन, हेल्पर से सीधा वर्कर प्रमोशन, मेडिकल लीव और रिटायरमेंट पर एक मुक्त राशि देने की मांगे प्रमुख हैं। इन मांगों में सरकार को कौन सी हमारी मांग नजायज लग रही है वो स्पष्ट करना चाहिए। हम अपना हक और अधिकार मांग रहे हैं कुछ नाजायज नहीं मांग रहे। जितना काम हमसे सरकार लेती है उतना हमें मानदेय नहीं मिल रहा और अब हम पर ऑनलाईन व ऑफलाईन के नाम पर दोहरा काम करने का दबाव बनाया जा रहा है। यूनियन नेता राजबाला सहारण ने इस अवसर पर सरकार को चेताया कि वो हमारे धैर्य की परीक्षा ना लें। सरकार ने आंगनवाड़ी महिलाओं के हालात बदतर कर दिए हैं और हमें चार महीनों से सडक़ों पर बैठना पड़ रहा है। अगर सरकार ने समय रहते हमारी मांगों पर बातचीत नहीं की तो यह आंदोलन और तीव्र होगा।

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