रोहतक
हरियाणा सरकार वर्ष 2023 के आरंभ होते ही एक बड़े आंदोलन की चपेट में आ सकती है। साल 2024 चुनावी साल है। ऐसे में महज एक साल पहले ही किसान एक बार फिर से आंदोलन करके बीजेपी—जेजेपी गठबंधन के लिए गले की फांस बन सकते हैं।
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम चढूनी ने वीडियो जारी करके कहा कि इस बार हरियाणा सरकार ने गन्ने का भाव नहीं बढ़ाया है, लेकिन पहले हरियाणा में ही सबसे ज्यादा गन्ने का भाव रहता था। इस बार पंजाब ने भाव बढ़ा दिया है, जिसके कारण हरियाणा के मुकाबले पंजाब में गन्ने का भाव 18 रुपए प्रति क्विंटल अधिक है।
खुई 400 रुपए तो गन्ना 362 रुपए क्विंटल
उन्होंने कहा कि भाव को लेकर सरकार से कई बार मांग की जा चुकी है और चिट्ठी लिख चुके हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने उस पर कोई विचार नहीं किया। अबकी बार तो गन्ने का रेट और अधिक बढ़ना चाहिए था, क्योंकि खुई (चीनी बनने के बाद बचा वेस्ट) का भाव 400 रुपए है और गन्ने का भाव 362 रुपए।
जनवरी में होगा आंदोलन
गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि सरकार गन्ने का भाव जल्द से जल्द बढ़ाए अन्यथा जनवरी में बड़ा आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने किसानों को भी आंदोलन के लिए तैयार रहने के लिए कहा। साथ ही सरकार को चेतावनी दी कि अगर गन्ने का भाव नहीं बढ़ा तो जनवरी माह में किसान आंदोलन किया जाएगा।
मशीन कटाई पर काट किसानों से अन्याय
उन्होंने कहा कि मशीन द्वारा कटाई किए गए गन्ने पर लगने वाली काट सरकार ने बढ़ाकर 7 प्रतिशत कर दी है। जबकि पंजाब में काट केवल 3 प्रतिशत और महाराष्ट्र में 4.5 प्रतिशत है, लेकिन हरियाणा सरकार ने काट बढ़ाकर 7 प्रतिशत की है। हरियाणा सरकार गन्ना किसानों के साथ अन्याय कर रही है। एक और तो मिल में पिराई शुरू होने के बाद भी अभी तक गन्ने का रेट घोषित नहीं किए और गन्ने का मौजूदा रेट हरियाणा प्रदेश में बेहद कम है।
450 रुपए दिया जाए भाव
उन्होंने सरकार से मांग की मौजूदा पिराई सत्र के लिए सरकार गन्ने का रेट बढ़ाकर 450 रुपए प्रति क्विंटल करे। साथ ही काट को 7 प्रतिशत से कम करके पंजाब की तर्ज पर 3 प्रतिशत करे, ताकि गन्ना किसान घाटे में ना जाए। हरियाणा में सबसे अधिक गन्ने का रेट होता था, लेकिन अबकी बार पंजाब में गन्ना का रेट 380 रुपए प्रति क्विंटल और हरियाणा में केवल 362 रुपए प्रति क्विंटल है।