चंडीगढ़,
हरियाणा की भाजपा—जजपा सरकार युवाओं के लिए बड़ा कानून बनाने जा रही है। इस कानून का खाका बना लिया है। इससे हरियाणा के युवाओं के लिए नौकरियों के बंपर अवसर पैदा होंगे। इस कानून के बनने से हरियाणा के युवाओं को राज्य में निजी क्षेत्र की नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण मिल सकेगा। इसके लिए प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला की सोच और प्रयास को पूरा श्रेय दिया जा सकता है। उन्होंने काफी समय इस पॉलसी को बनाने में लगाया और उद्यमियों को तैयार करने के साथ—साथ युवाओं को भी कुशल बनाने के लिए कोर्स आरंभ करवाये। बाकि कसर कोरोना महामारी ने पूरी कर दी।
प्राइवेट नौकरियों में मिलेगी हिस्सेदारी
कोरोना के चलते हरियाणा के युवाओं की प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में राह आसान हो गई है। बाहर के राज्यों से आए कुशल कारीगर अपने घर वापिस लौट गए। अब आधे से ज्यादा वापिस लौटने को तैयार नहीं। ऐसे में अब प्राइवेट सेक्टर में हरियाणा के युवाओं को मौका मिलना तय है। वहीं दूसरी तरफ हरियाणा की भाजपा सरकार के सहयोगी दल जननायक जनता पार्टी ने चुनाव के दौरान लोगों से प्राइवेट सेक्टर की नौकरियों में प्रदेश के युवाओं को 75 फीसदी आरक्षण देने का वादा किया था। भाजपा ने भी अपने संकल्प पत्र में 75 की बजाय 90 फीसदी तक हरियाणा के युवाओं को रोजगार दिलाने की बात कही थी। अब करोना के चलते सरकार का ये चुनावी वादा पूरे होने की कगार पर है। सरकार भी मौके का फायदा देखकर इस पर कानून बनाने जा रही है। इससे पहले डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने उद्यमियों को इसके लिए तैयार किया।
विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा बिल
अब हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य होगा जहां प्राइवेट नौकरियों में युवाओं को आरक्षण देने का कानून बनाया जा रहा है। हरियाणा सरकार की इस योजना को महा अधिवक्ता कार्यालय ने भी स्वीकृति प्रदान कर दी है, जिसके बाद अब इसे अगस्त माह के दौरान होने वाले विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान विधानसभा में पारित किया जाएगा। इस फैसले के साथ ही हरियाणा सरकार में सहयोगी भाजपा व जजपा चुनाव से पहले किए गए अपने बड़े वादे को पूरा कर सकेगी। इस फैसले के लागू होने से प्रदेश के लाखों युवाओं को सीधा लाभ मिलने की उम्मीद है।
50 हजार रुपये मासिक से कम वाली नौकरियों पर लागू होगा नियम
हरियाणा की गठबंधन सरकार ने आम राय कायम कर साझा ड्राफ्ट तैयार किया है। सरकार ने यह ड्राफ्ट देश में विभिन्न जातियों के लिए नौकरियों व दाखिलों में लागू आरक्षण पॉलिसी की तर्ज पर बनाया है। ड्रॉफ्ट के अनुसार प्रदेश के सभी उद्योगों व प्राइवेट कंपनियों में 75 प्रतिशत नौकरियां हरियाणा के स्थानीय युवाओं के लिए आरक्षित होंगी। इनमें विभिन्न प्रकार की संस्थाएं भी शामिल रहेंगी। ड्रॉफ्ट में प्रावधान किया गया है कि आरक्षण 50 हजार से कम मासिक वेतन वाली नौकरियों पर ही लागू होगा। इससे अधिक वेतन की नौकरियों के मामले में सरकार कंपनियों पर किसी तरह का दबाव नहीं बनाएगी। प्राइवेट इंडस्ट्री व कंपनियों में नौकरी के लिए हरियाणा का स्थाई निवासी होना अनिवार्य होगा। सरकार द्वारा शुरू किए गए रोजगार पोर्टल से इसे कनेक्ट किया जाएगा। युवा इस पर आवेदन कर सकेंगे और कंपनियों को भी नौकरियों का ब्यौरा पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
10 साल के लिए लागू होगी आरक्षण व्यवस्था
प्राइवेट नौकरियों में भी स्थानीय युवाओं के लिए पहले 10 साल के लिए आरक्षण लागू रहेगा। बाद में इसे आगे और 10 वर्षों के लिए बढ़ाया जा सकेगा। राज्य में यह कानून लागू होने के बाद उद्योगों व प्राइवेट कंपनियों को स्थानीय युवाओं का 75 प्रतिशत आरक्षण पूरा करने के लिए तीन साल का वक्त मिलेगा। फैक्ट्री में कुल पदों पर यह आरक्षण लागू होगा। रिटायर होने या नौकरी छोड़कर जाने वाले कर्मचारियों की जगह हरियाणा के युवाओं को उनका बनने वाला हिस्सा मिलेगा
सरकार ने ड्राफ्ट को बिल बनाने के लिए भेजा
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने कहा, हम प्रदेश के युवाओं से किया सबसे बड़ा वादा पूरा करने जा रहे हैं। प्राइवेट नौकरियों में 75 प्रतिशत आरक्षण का ड्रॉफ्ट अप्रूव हो चुका है। एलआर की कानूनी मंजूरी भी आ गई। अब ड्रॉफ्ट को बिल बनाने के लिए भेजा गया है। अगले मानसून सत्र में यह बिल विधानसभा में पेश किया जाएगा। मुख्यमंत्री मनोहरलाल का कहना है कि हरियाणा के युवाओं के हितों की किसी सूरत में अनदेखी नहीं होने दी जाएगी।