साहित्य

माँ तुम महान हो

माँ तुम महान हो

माँ तुम महान हो
माँ तुम वरदान हो
माँ तुम अभिमान हो
माँ तुम स्वाभिमान हो।

माँ तुम भगवान हो
जीवन का अभियान हो
घर परिवार की शान हो
माँ तुम समस्त जहान हो।

सीता, सावित्री, पार्वती हो
गंगा- यमुना, सरस्वती हो
झांसी की रानी, मदर टेरेसा
कोशल्या, अहिल्या, धर्मावती हो।

जन्म दायनी, पालनकर्ता
ममतामई, संकटों की हरता
शिक्षक, रक्षक, पर्यवेक्षक
पथ प्रदर्शक, मार्गदर्शक हो।

धूप- छाया और सहारा हो
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा हो
जल, थल, नभ और यज्ञ हो
सर्वस्व, वर्चस्व, सर्वज्ञ हो।

धन दोलत और पूंजी हो
जीवन में सफलता की कुंजी हो
शिक्षा दीक्षा संस्कार हो
उपाधियों से नहीं रखती सरोकार हो।

पुष्कर कहे, माँ तुम,
जीवन का आधार हो
सच्चा करती प्यार हो
ममतामई, दयावान हो
माँ तुम महान हो।

(पुष्कर दत्त)
मो : 9416338524


https://youtu.be/vaoKNN8hUrY

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