भारतीय जनता पार्टी के कुछ नेता समय-समय पर सरकार व संगठन को असहज करने में लगे रहते हैं। थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर ये नेता पार्टी के नियमों को तोड़ते रहते हैं, जिससे सरकार व पार्टी की बदनामी होती है और इससे संगठन की कार्यप्रणाली प्रभावित होती है वहीं विपक्ष को ऑक्सीजन मिलती है। नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
हमारे नलवा हलके में भी आजकल अंदरखाते इसी सरगर्मी की आहट सुनाई दे रही है। पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ चुका एक नेता चुनाव के बाद आज तक सरकार होते हुए भी ना कभी हलके में गया, ना जनता की समस्याएं सुनी और न किसी मंच पर किसी समस्या को उठाया। अब उक्त नेता अपना अलग संगठन खड़ा करने की कोशिश कर रहा है ताकि आने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी को परेशान किया जा सके। लोक सुरक्षा एवं प्रशासनिक सुधार संगठन के नाम से मुहिम चलाने की कोशिश कर रहे इस नेता को बताना चाहिए कि क्या आपके कहे अनुसार हरियाणा में अच्छा सुधार 51 वर्षों में भी नहीं हुआ, जो आप अब करना चाहते हैं। उम्र के इस आखिरी पड़ाव में उक्त नेता जिस संगठन के माध्यम से सुधार करना चाहते हैं, उसका मुखिया उक्त नेता का ही बेटा है। ये सुधार नहीं बल्कि इस नेता की महत्वाकांक्षा है। ये अपने बेटे को राजनीति में स्थापित करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। जीवन आधार न्यूज पोर्टल के पत्रकार बनो और आकर्षक वेतन व अन्य सुविधा के हकदार बनो..ज्यादा जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
आपका इतिहास ये है कि आप वर्ष 1986 में चौ. देवीलाल के साथ मिले और राजनीतिक सफर शुरू किया। वर्ष 1987 में हरियाणा में चौ. देवीलाल की सरकार बनी और आपको मुख्यमंत्री का राजनीतिक सलाहकार बनाया गया, जो पावर के हिसाब से नंबर दो पर थी। तब तो आपने किसी प्रशासनिक सुधार की बात नहीं की। वर्ष 1987 में आदमपुर से चुनाव लड़ रहे पार्टी प्रत्याशी धर्मपाल सरसाना को आपने हरवाने का काम किया, पूरे दलबल के साथ इनेलो से गद्दारी की लेकिन आपका कोई कुछ नहीं नहीं बिगाड़ पाया क्योंकि ओमप्रकाश चौटाला जी केवल आपकी बात सुनते थे, अजय सिंह चौटाला व अभय सिंह चौटाला की बात की भी आपकी बात के सामने कोई कीमत नहीं थी। वर्ष 1991 के चुनाव में इनेलो ने आपको आदमपुर से प्रत्याशी बनाया, आपने अवैध हथकंडों से चुनाव जीतने की कोशिश की लेकिन हार गये क्योंकि जनता आपको पसंद नहीं करती थी। बाद में चौ. भजनलाल मुख्यमंत्री बने और आप पर व हलके के बहुत से कार्यकर्ताओं पर टाडा के तहत केस बने। कई कार्यकर्ता जेलों में सड़ते रहे लेकिन आप अपने राजनीतिक रसूख के चलते सरकार के हत्थे नहीं चढ़े और केस से बच निकले। वर्ष 1996 के बाद आपने हरियाणा विकास पार्टी से हाथ मिलाया और मुख्यमंत्री चौ. बंसीलाल के राजनीतिक सलाहकार बन गये। हविपा सरकार के समय उपचुनाव में आपको आदमपुर से प्रत्याशी बनाया गया लेकिन आपको फिर भी प्रशासनिक सुधार नजर नहीं आया। वो चुनाव भी आप हार गये क्योंकि जनता को आप पसंद ही नहीं थे। फिर 24 जुलाई 1999 को बंसीलाल सरकार गिरने के बाद इनेलो की सरकार बन गई आपने राजनीतिक दल का गठन किया, जिसका नाम जनमत रखा, दो साल में वो दल भी फेल हो गया तथा इस दल ने किसी चुनाव का सामना नहीं किया। फिर आप पर जानलेवा हमला हुआ लेकिन आपने आज तक जनता को ये नहीं बताया कि वो हमला किसने किया, हमले के पीछे कारण क्या था लेकिन आप चौटाला सरकार पर दोष लगाकर राजनीतिक रोटियां सेंकते रहे। हलके की जनता आज भी मानती है कि हमले के पीछे राजनीतिक भ्रष्टाचार था। फिर आप कांग्रेस में चले गये, हुड्डा साहब के खासमखास रहे, तब भी आपको प्रशासनिक सुधार नजर नहीं आया और इसके बाद 2014 के चुनाव में आपकी जमानत भी नलवा की जनता ने जब्त करवा दी।जीवन आधार प्रतियोगिता में भाग ले और जीते नकद उपहार
आप कह रहे हैं कि मौजूदा सरकार ने दिल्ली के नजदीक व्यापारिक प्रतिष्ठान व उद्योगों में लोगों को नौकरियां नहीं दी है। मैं आपसे पूछना चाहता हूं कि आपके अमेरिका के वरजीनिया फ्लोरिडा में अच्छे काम धंधे हैं, आपने कितनों को रोजगार दिया है, वो बताएं। अब सरकार में होते हुए आपने जनता की कितनी तकलीफें सुनी या दूर की, वो भी बताएं। अब आप इस कथित संगठन के बहाने अपनी ही सरकार को परेशान करने चले हैं, बेटे के नाम पर संगठन चलाएंगे और लेखनी व दिमाग आपका काम करेगा। भाजपा नेता राजकुमार सैनी की तरह अब आप भी एक नासूर बनकर उभरने वाले हैं। इन सब बातों के पीछे आप का मकसद किसी तरह से विधायक बनना है, जो जनता को स्वीकार नहीं है। आप हलके के लोगों से कभी सीधे मुंह बात नहीं करते, ये सारी जनता को पता है। देश व प्रशासन को सुधारने का ठेका लेने की बजाय आपका पुराना शिष्य होने के नाते मैं सलाह दूंगा कि उम्र के इस पड़ाव पर आप अपने पिछले कारनामों पर नजर डालते हुए परमपिता परमात्मा से माफी मांगते हुए अपने आगे के कर्मों को सुधार लीजिए, आपके चाहने से दुनिया नहीं बदलेगी, इंसान को खुद बदलना चाहिए ताकि बाकी दुनिया बदलती नजर आए। जैसी दुनिया आप देखना चाहते हैं, वैसा पहले खुद बनने का प्रयास करें। आपकी कारगुजारियों से मुझे ऐसा संदेह हो रहा है कि आप एक बार फिर राजनीतिक पाला न बदल लें, जो आपके दामन पर एक और दाग के अलावा कुछ नहीं होगा। तीन-चार माह पहले दिल्ली में इनेलो सुप्रीमो ओमप्रकाश चौटाला से भी आप इनेलो के नेता के माध्यम से मिलने गये थे, उसका ब्यौरा आपको सार्वजनिक करना चाहिये क्योंकि आप चौटाला परिवार में हुई मौत पर भी शोक जताने नहीं गये थे, तो अब क्या मजबूरी थी कि आप इनेलो प्रमुख से मिलने गये।
-कपूर सिंह बैनीवाल, भाजपा नेता
एवं सदस्य जिला कष्ट निवारण समिति
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