चंडीगढ़,
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान पंजाब को एक सुरक्षित राज्य बनाना चाहते हैं, इसी के चलते पंजाब पुलिस को बीच एक बड़ी सफलता मिली है। पंजाब पुलिस की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) ने खरड़ के लांडरां से लॉरेंस बिश्नोई और गोल्डी बराड़ गैंग के एक खास गुर्गे सचिन को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी गैंग के दूसरे गुर्गों के साथ मिलकर टारगेट किलिंग प्लान कर रहा था। यह जानकारी खुद पंजाब के पुलिस महानिदेशक (DGP) गौरव यादव ने बुधवार को दी।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान लॉरेंस गैंग के शातिर बदमाश सचिन उर्फ बच्ची के रूप में हुई है। वह हिसार के मंगाली का रहने वाला है। पुलिस टीम ने उसके कब्जे से चार पिस्तौल समेत 12 जिंदा कारतूस भी बरामद किये हैं।
डीजीपी गौरव यादव ने बताया कि विश्वसनीय इनपुट मिलने के बाद एडीजीपी प्रोमोद बान की निगरानी में एजीटीएफ की पुलिस टीम ने सचिन बच्ची को पकड़ने के लिए लांडरां में जाल फैलाया और चंडीगढ़ ग्रुप ऑफ कॉलेजेज के गेट के पास से सचिन को घेरकर गिरफ्तार कर लिया। डीजीपी ने बताया कि आरोपी सचिन लॉरेंस गैंग के सदस्यों को रसद, सहायता और ठिकाने उपलब्ध कराने में शामिल था।
डीजीपी यादव के मुताबिक, प्रारंभिक जांच से यह भी पता चला है कि आरोपी सचिन अपने गैंग के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर अपने विदेशी आकाओं के इशारे पर टारगेट पर हमला करने की साजिश रच रहे थे।
इस संबंध में ज्यादा जानकारी देते हुए एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) के सहायक महानिरीक्षक (AIG) संदीप गोयल ने बताया कि सचिन बच्ची का आपराधिक रिकॉर्ड है और वह पंजाब पुलिस का वांछित अपराधी था। काफी वक्त से पुलिस उसे तलाश कर रही थी। उन्होंने कहा कि आगे की जांच जारी है, साथ ही इस मॉड्यूल से और ज्यादा बरामदगी और गिरफ्तारियां होने की उम्मीद है।
इस मामले में 17 अक्टूबर 2013 को मोहाली के पुलिस स्टेशन स्टेट क्राइम में आर्म्स एक्ट की धारा 25 के तहत एफआईआर नंबर 13 दर्ज की गई है। अब एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स (AGTF) की टीम इस मामले में आरोपी को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी।