बंशीधर
मनोहर लाल सरकार में छोटे से हरियाणा प्रांत में मासूम बच्चियां सुरक्षित नहीं रही है। पिछले 48 घंटे में प्रदेश में 4 जगहों पर रेप की घटनाएं हुई, जोकि प्रदेश के माथे पर कलंक के समान है। जींद, फरीदाबाद, पानीपत और यमुनानगर जिलों में हुई रेप की घटनाओं ने हरियाणा सरकार और पुलिस प्रशासन से लोगों का विश्वास समाप्त हुआ है।
फरीदाबाद में सरेआम एक बच्ची को स्कोरपियो में किडनेप किया गया। पुलिस को मोबाइल की लोकेशन मिलती रही, लेकिन इसके बाद भी पुलिस बच्ची को दरिंदों से नहीं छुड़वा पाई। दरिंदों ने अपनी हवस का शिकार बनाकर उसे सरेआम फैंक दिया। जींद में भेड़ियों ने बच्ची के साथ दुष्कर्म करके उसे मौत के घाट उतर दिया। उरलाना में मासूम बच्ची को पहले मारा गया और फिर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। पिंजौर में घर के बाहर खेल रही बच्ची के साथ रेप किया गया। ये चारों घटनाएं महज 48 घंटों के भीतर हुई।
ये घटनाएं पहली नहीं है, आंकड़े बता रहे है कि मनोहर लाल सरकार के बनने के बाद हरियाणा में मासूम बच्चियों के साथ रेप की घटनाओं में वृद्धि हुई है। रेप के मामलों में अब तक पुलिस ने जिन मुजरिमों को गिरफ्तार किया है—उनमें एक बात कॉमन मिली है—वो है नशा। अधिकतर वारदातों को नशेड़ियों ने अंजाम दिया है। इससे साफ है कि बढ़ती रेप की घटनाओं के पीछे सबसे बड़ा हाथ नशे का है।
अगर सरकार और पुलिस प्रशासन की तरफ देखा जाए तो पिछले 3 सालों में नशे को लेकर प्रदेश में कोई बड़ा अभियान नहीं चला है। हिसार रेंज में आईजी ओपी सिंह ने नशे के खिलाफ व्यापक अभियान चलाया था। उनके कार्यकाल में हिसार, फतेहाबाद, सिरसा, जींद और भिवानी में कई नशे के तस्कर पकड़े गए थे। हिसार में तो पूरी आंबेडकर कॉलोनी में ही पुलिस ने एक—एक घर को छाना था। इसके अलावा सिरसा और फतेहाबाद में नशा तस्करों ने आना तक छोड़ दिया था। उस समय हिसार के एसपी अश्विन शैणवी, सिरसा एसपी सतेंद्र गुप्ता और फतेहाबाद में एसपी ओपी नरवाल ने नशा तस्करों की कमर तोड़ दी थी।
लेकिन वर्तमान समय में पुलिस प्रशासन और सरकार दोनों ने नशे की तरफ से आंखें मूंद रखी है। इसके चलते प्रदेश में लगातार अपराध और रेप जैसी घृणित वारदात बढ़ती जा रही है। सरकार बनने के बाद खांड़ाखेड़ी आए योगगुरु रामदेव ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल से शराबबंदी की मांग की थी। उन्होंने इतना भी कहा था कि जो आमदनी सरकार को शराब बेचकर हो रही है, उतना पैसा सालाना वो सरकार को दे देंगे। लेकिन सीएम मनोहर लाल ने शराबबंदी से यह कहते हुए मना कर दिया कि शराब बंदी समस्या का हल नहीं है।
सीएम साहब! शराबबंदी समस्या का हल नहीं है तो आप अपनी तरफ से समस्या का हल निकालिए, वर्ना प्रदेश में हालात ऐसे बन जायेंगे कि लोगों को अपने बेटियां दूसरे प्रदेश में पढ़ने के भेजनी पड़ेगी। कांग्रेस नेता रणदीप सूरजेवाला ने महिलाओं के प्रति बढ़ते अपराध को लेकर सरकार को घेरा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को असक्षम बताते हुए उन्हें कुर्सी छोड़ने तक का सुझाव दे दिया है।
अभी तो केवल विपक्ष के नेताओं ने बोलना आरंभ किया है, लेकिन पुलिस प्रशासन और सरकार का ऐसा ही रवैया रहा तो जनता का भी सरकार से मोह भंग हो जायेगा। इसलिए समय रहते सीएम मनोहर लाल को ठोस कदम उठाने होंगे और पुलिस विभाग में व्यापक फेरबदल करके नशा तस्करों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाना होगा। जब तक प्रदेश में नशा सरेआम बिकता रहेगा—तक तक मासूमों की सुरक्षा राम भरोसे ही रहेगी।
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