झज्जर,
शेल्टर होम में रह रहे प्रवासी मजदूरों ने गांव भेजने की जिद्द करते हुए खाना खाने से इंकार कर दिया। आरोप है कि उन्हें खाना अच्छा नहीं दिया जा रहा है और काफी कम मात्रा में खाना मिलने के कारण उनका पेट भी नहीं भर पा रहा है।
झज्जर के गल्र्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल में मौजूद 76 प्रवासी मजदूरों,जिनमें महिलाएं भी काफी संख्या में शामिल थी ने नम आंखों से एक ही जिद्द की कि उन्हें उनके गांव भेज दिया जाए। प्रवासी महिलाओं का कहना था कि प्रशासन द्वारा जो खाना उन्हें मुहैया कराया जाता है वह पशु भी नहीं खा सकते। उनका कहना था कि खाने में जली हुई रोटी दी जाती है और भरपेट भोजन तो शायद इन दिनों उनके भाग्य में हीं नहीं है।
महिलाओं का कहना था कि उनके मासूम बच्चे भूख से बिलबिला रहे है। जो दूध मासूम बच्चों के लिए भेजा जाता है वह कच्चा होता है और उसे गरम करने के लिए उनके पास कोई साधन भी नहीं है इसकी वजह से बच्चे वह दूध नहीं पी पाते और उन्हें भूखा ही सोना पड़ता है। उन्होंने बच्चों के लिए गरम दूध, फ्रूट व अच्छा खाना दिए जाने की मांग की।