जींद,
भाजपा विधायक डा. कृष्ण मिढ़ा ने नगर परिषद, बीएंडआर, जन स्वास्थ्य विभाग और सिंचाई विभाग के अधिकारियों को साथ लेकर शुक्रवार को बस स्टैंड के पीछे धंसी मिनी बाईपास सड़क का निरीक्षण किया। सड़क धंसने के मामले की जिम्मेदारी लेने की बजाय अधिकारी विधायक सामने ही एक-दूसरे पर आरोप लगाते रहे। जिससे नाराज विधायक ने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि कोई भी अधिकारी अपनी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है। सब एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डाल रहे हैं।
विधायक ने कहा, जींद के अधिकारियों से अच्छे तो उग्रवादी हैं, जो विस्फोट करने के बाद जिम्मेदारी तो लेते हैं। ये अधिकारी तो उनसे भी बुरे आदमी हैं। अमृत योजना का काम नगर परिषद द्वारा सही से नहीं करने की वजह से ये योजना शहरवासियों के लिए विष बन चुकी है। शहर में जगह-जगह सड़कें उखाड़ कर बुरा हाल कर दिया। विधायक ने नगर परिषद अधिकारियों को आदेश दिया कि मिनी बाईपास पर अमरूत ठेकेदार की लापरवाही से सड़क धंसी है। उसने यहां पाइप लाइन दबाते समय सिंचाई विभाग के वाटर चैनल को बीच में बंद कर दिया। जब नहर से रानी तालाब के लिए पानी छोड़ा गया, तो लीकेज होने की वजह से सड़क धंसी। नगर परिषद तीन दिन के अंदर वाटर चैनल में जो लीकेज आई है, उसे ठीक कराए।
विधायक ने शहर में टूटी सड़कों, बदहाल सीवरेज व्यवस्था और अन्य शहर की समस्याओं पर कहा कि अधिकारियों को बार-बार व्यवस्था दुरुस्त करने के आदेश दिए जा रहे हैं। लेकिन इसके बावजूद अधिकारियों पर कोई असर नहीं हो रहा। मुझे तो खुद शर्म आ रही है कि मैं इन अधिकारियों के ऊपर विधायक हूं। ये बात सीएम के समक्ष भी कह चुका हूं।
विधायक के सामने ही नगर परिषद के एक्सईएन और दूसरे अधिकारियों की जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ खूब बहस हुई। जन स्वास्थ्य विभाग के एसडीओ सतीश नैन ने आरोप लगाया कि अमृत योजना के तहत बरसाती पानी की निकासी के लिए पाइप लाइन दबाते समय नगर परिषद के ठेकेदार ने उनके सीवर लाइन के मैनहोल तोड़ दिए। कई जगह सीवर लाइन को नुकसान पहुंचाया। नगर परिषद एक्सईएन ने उनके आरोपों को गलत बताया।