भिवानी,
दादरी गेट स्थित श्री कृष्ण प्रणामी राधिका धाम में चल रहे वार्षिक उत्सव में प्रणामी मिशन के प्रमुख संत सदानंद महाराज को श्री निजानंद प्रणामी संप्रदाय की सबसे बड़ी उपाधि परमहंस से नवाजा गया।
श्री पन्ना धाम से आएं प्रमुख पुजारी देवकरण गांधी, पवन शर्मा,न्यासी व संत मोहनप्रियचार्य महाराज ने बताया कि परमहंस का अर्थ है श्री राज का अत्यंत प्रिय। उन्होंने कहा कि महाराज स्वामी सदानंद का जीवन त्याग, तपस्या और सेवा का जीवंत उदाहरण है। उन्होंने तुम सेवा से पाओगे पार के सिद्धांत को जन-जन तक पहुंचाने का काम किया।
परमहंस स्वामी सदानंद महाराज के कार्य
उन्होंने बताया भगवान श्रीकृष्ण के अतिप्रिय गौवंश की दुर्दशा देखी तो उन्होंने 108 गौशालाओं का निर्माण करवा दिया। सड़क किनारे भटकते मानसिक रोगियों को देखा तो उनके लिए दर्जन भर सद्गुरु अपना घर बनवा दिए। हजारों गरीब कन्याओं की शादी करावाई। पोलियो ग्रस्त लोगों का उपचार करवा कर उन्हें नया जीवन प्रदान किया। दर्जनों जगहों पर शिक्षा का दीपक जलाते हुए स्कूल-कालेज का निर्माण करवाया। अस्पताल बनवाये। अनाथ व वृद्ध आश्रम बनवायें। प्रणामी संप्रदाय के मंदिर, सत्संग भवन व धर्मशालाओं का निर्माण करवाकर भटक रही परमधाम की आत्माओं की जागनी की।
स्वामी सदानंद महाराज ने भागवत कथा, बीतक, तारतम वाणी का संगीतमय फैलाव करके जन-जन तक देवचंद्र महाराज व महामति प्राणनाथ महाराज का संदेश पहुंचाने का अभूतपूर्व कार्य किया। ऐसे में संत सदानंद महाराज को परमहंस की उपाधि से सुशोभित करते हुए हमें अत्यंत प्रसन्नता हो रही हैं। इस मंगलबेला के साक्षी रहने वाला संत समाज और सुंदरसाथ बधाई के पात्र हैं।
मंगलवाटिका के दूसरे संत
वहीं अमित सिंगल रावलवासियां ने बताया कि गुरुदेव स्वामी सदानंद महाराज मंगलवाटिका के दूसरे संत है जिन्हें परमहंस की उपाधि प्रदान की गई हैं। उन्होंने कहा कि श्री राधिका धाम के वार्षिक उत्सव में गुरुदेव को परमहंस की उपाधि मिलने पर स्वागत किया गया। इस दौरान करनाल से जगतराज महाराज, तोशाम आश्रम से मीना महाराज, कैमरी आश्रम से युवा संत राजदास महाराज, काकरोली से श्याम शरण महाराज सहित अनेक संत उपस्थित थे। वहीं विक्की प्रणामी ने बताया कि गुरुदेव जी को परमहंस की उपाधि दिए श्रद्धालुओं में काफी उत्साह देखने को मिला। उन्होंने मंगलगीत गाते हुए बधाईयां दी।
पक्षी रैन बसेरा का उद्घाटन
श्री कृष्ण प्रणामी राधिका धाम, भिवानी में पक्षियों के लिए रैन बसेरा का उद्घाटन परमहंस स्वामी सदानंद महाराज और मोहन प्रियाचार्य महाराज के कर कमलों द्वारा हुआ। विक्की प्रणामी ने बताया कि इस दौरान श्री 5 पद्मावती पूरी धाम से पुजारीगण देवकरण गांधी,पवन शर्मा के साथ सुंदरसाथजनों की उपस्थिति रही। यह पक्षी रैन बसेरा करीब 50 फीट ऊंचा है। इसमें पक्षियों के दाने-पानी की समुचित व्यवस्था है। भिवानी शहर में यह पहला पक्षी रैनबसेरा है। स्वामी श्री सदानंद जी महाराज इस प्रकार के प्रयास से मानव, जीव, पशु और पक्षियों के भी सहारे बने हुए हैं।