बीरभूम,
पश्चिम बंगाल के बीरभूम में एक पति-पत्नी कोर्ट में तलाक के लिए पहुंचे, तो जज ने उन्हें अपने खर्च पर 3 दिन होटल में रहने की सलाह दी। इस दौरान दोनों एक साथ रहे। साथ रहने से पति-पत्नी में समझौता हो गया और तलाक कैंसिल हो गया।
जानकारी के मुताबिक, बीरभूम के गौतम दास और अहना की शादी मार्च 2016 में हुई थी, लेकिन कुछ ही समय बाद दोनों के रिश्ते में तकरार की नौबत आ गई। इसके बाद अहना अपने घर वापस लौट आई। 2018 की शुरुआत में ही दोनों के बीच मामला और भी बिगड़ा तो अहना ने अपने सास-ससुर के खिलाफ उत्पीड़न का मामला दर्ज कर दिया।
हाल ही में दोनों ने कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दायर की थी। लेकिन 16 जनवरी को जब सुनवाई हुई, तो जज पार्थ सार्थी ने दोनों को आपस में सुलह की सलाह दी। उन्होंने कहा कि दोनों अपने परिवार से दूर तीन-चार दिनों के लिए अच्छे से होटल में साथ रहे और फिर बात करें। लेकिन पति ने इस ऑफर को यह कहकर ठुकरा दिया कि उसके पास पैसे नहीं है।
बाद में जज पार्थ सार्थी ने ही कहा कि होटल का सारा खर्च वह देने को तैयार हैं। लेकिन बहस के बीच ही सरकारी वकील रणजीत गांगुली ने कहा कि खर्चा वह उठाएंगे। इसके बाद जज की ओर से पति-पत्नी को सुरक्षा मुहैया के आदेश दिए गए। बीरभूम में ही एक होटल बुक करवाया गया, और मामला सुलझ गया। नतीजा रहा कि तलाक कैंसिल हो गया।
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