नई दिल्ली,
दालों के बढ़ते भाव पर नियंत्रण के बाद केंद्र ने सोमवार को दाल आयातकों से स्टॉक लिमिट हटा ली। मिलर्स एवं थोक विक्रेताओं के लिए भी स्टॉक लिमिट की सीमा बढ़ा दी गई है। इस फैसले से दलहन किसानों को राहत मिलेगी क्योंकि आने वाले दिनों में दालों के भाव बढ़ सकते हैं। सरकार के फैसले के बाद भी दाल मिलर्स, थोक विक्रेताओं, आयातकों को उपभोक्ता मामलों के विभाग के वेब पोर्टल पर स्टॉक की जानकारी देनी होगी।
नियमों में ये बदलाव
थोक विक्रेता: कुल 200 टन की जगह अब 500 टन तक स्टॉक रखने की अनुमति होगी। हालांकि वे किसी एक दाल का 200 टन से ऊपर स्टॉक नहीं रख सकेंगे।
दाल मिलर: बीते 6 महीनों में कुल उत्पादन या सालाना उत्पादन क्षमता का 50% (जो ज्यादा हो) का स्टॉक रख सकेंगे। पहले उत्पादन क्षमता का 25% स्टॉक रखने की अनुमति थी।
आयातक: स्टॉक लिमिट से पूरी तरह छूट मिल गई है। वो जितना मर्जी उतना स्टॉक रख सकेंगे।
आने वाले दिनों में और महंगी हो सकती हैं दालें
माना जा रहा है कि सरकार की ओर से तय की गई लिमिट किसानों के लिए फायदेमंद साबित होगी। इससे आने वाले दिनों में दालों की कीमतों में 5 से 10% की बढ़ोतरी देखी जा सकती है। हालांकि इससे आम आदमी पर महंगाई की मार पड़ेगी, क्योंकि कोरोना काल में दालें पहले ही काफी महंगी हो चुकी हैं। ज्यादातर दालें 100 रुपए प्रतिकिलो से ऊपर निकल गई हैं।