धर्म

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सत्यार्थ प्रकाश के अंश—18

Jeewan Aadhar Editor Desk
जो दण्ड है वही पुरूष राजा,वही न्याय का प्रचारकत्र्ता और सब का शासनकत्र्ता,वही चार वर्ण और आश्रमों के धर्म का प्रतिभू अर्थात् जामिन है। वही...
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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—80

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एक सज्जन मेरे पास आया और कहने लगा,महाराजजी। आपका मन हमेशा संकीर्तन,भजन, कथा सत्संग में कैसे लगा रहता है? हमारा मन तो 5-10 मिनट से...
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स्वामी राजदास : पाप और पुण्य

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बुरे कर्मो का पुंज पाप है और अच्छे कर्मो का संग्रह पुण्य। भगवान वेदव्यास के अनुसार अठारह पुराणों का सार है-‘परोपकाराय पुण्याय पापाय परपीडनम्।’ अर्थात...
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परमहंस स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से—79

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एक दिन नारदजी भगवान् श्रीकृष्ण के पास आए। भगवान् ने प्रणाम किया,आदर सत्कार किया,आसन पर विराजित होने के बाद नारदजी ने भगवान को बताया भगवन्।...