फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
सरकारी काम फाइलों में ही पूरे होते है..हकीकत फाइलों से काफी अलग होती है। ऐसे कागजों में पूरे हुए एक काम से शहर के लोग इन दिनों काफी परेशान है। हम बात कर है फतेहाबाद जिले की सड़कों को कैटल फ्री करने के प्रशासन के दावों की।
जिला प्रशासन काफी पहले ही फतेहाबाद की सड़कों को कैटल फ्री घोषित कर चुका है। इसको लेकर जिला प्रशासन सरकार के सामने अपनी पीठ भी थपथपा चुका है। लेकिन कैटल फ्री जिले की सड़कों पर बेसहारा पशुओं का अंबार लगा हुआ है। आमजन इनसे काफी परेशान है। ये पशु अकसर आपस में लड़ते रहते है—इसकी चपेट में कई बार शहर के लोग भी आ चुके है। आमजन इन पशुओं से परेशान है लेकिन प्रशासन अब भी अपने कागजी दावों पर डटा हुआ है कि शहर में बेसहारा पशु है ही नहीं।
भट्टू रोड का ताजा वीडियो सामने आया है जिसके अंदर शहर की मुख्य कॉलोनी नहर कॉलोनी के अंदर गली में आवारा सांड आपस में लड़ते नजर आ रहे है। इसके बाद यहां के निवासियों ने प्रशासन से गुहार लगाई है कि इस समस्या उन्हें जल्द निजात दिलाई जाए। लेकिन कॉलोनी के लोग प्रशासन से निजात दिलाने की गुहार लगाते समय ये भूल गए कि सरकारी फाइलों में तो उनकी कॉलोनी में ये पशु है ही नहीं। जब ये पशु कॉलोनी में है ही नहीं तो जिला प्रशासन आमजन को निजात किससे दिलाये??
जिला प्रशासन के झूठे दावों पर ना तो भाजपा नेता कुछ बोल रहे है और ही पार्टी की निगरानी कमेटी अपनी रिपोर्ट बना रही है। सत्ताधारी नेताओं की इस चुप्पी का फायदा प्रशासन की फर्जी फाइल बनाने वालो को पहुंच रहा है जबकि नुकसान आमजन को उठाना पड़ रहा है। ऐसे में अब देखते है कि आमजन को इन पशुओं से निजात दिलवाने के लिए कौन आगे आता है।