नई दिल्ली,
मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आतंकवादियों के हमलों से ज्यादा लोग सड़कों पर बने गड्ढों में गिरकर मरते हैं। कोर्ट ने ऐसी घटनाओं पर निराशा जताई और कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है। इस बाबत सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के पुलिस कमिश्नर को समन जारी किया है। कोर्ट ने पुलिस कमिश्नर से पूछा कि सड़कों पर अवैध अतिक्रमण को हटाने में 2 साल का समय क्यों लगेगा ? इस मामले की अगली सुनवाई 10 दिनों बाद होगी।
बता दें, सड़कों पर अवैध अतिक्रमण और यातायात असुविधाओं को लेकर स्पेशल टास्क फोर्स ने फरवरी 2017 में एक रिपोर्ट सौंपी थी। उस रिपोर्ट का हवाला देते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से कहा कि दिल्ली की जनता के लिए वे इस सवाल का जवाब दें कि अब तक ये काम क्यों नहीं हुआ।
इस मामले में पुलिस महकमे की तरफ से कहा गया कि दिल्ली की सड़कों पर अवैध अतिक्रमण के लिए पुलिस कमिश्नर जिम्मेदार नहीं हैं। इस दलील का जवाब देते हुए कोर्ट ने कहा कि अगर आप चाहते हैं तो दिल्ली के LG (उप-राज्यपाल) समेत उस क्लर्क को भी कोर्ट बुला सकते हैं जो इस मामले से जुड़ी फाइलों को एक टेबल से दूसरे टेबल पर ले जाने का काम करते हैं।
बारिश के मौसम में दिल्ली और मुंबई की सड़कों का हाल देख कर सुप्रीम कोर्ट ने खुद इस मामले में संज्ञान लिया है। एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी जिसमें मिंटो रोड पर एक बस पानी में डूबी नजर आ रही है। कोर्ट ने कहा कि थोड़ी सी बारिश होने के बाद ये हाल हो गया है, अगर ज्यादा बारिश होगी तो क्या हाल होगा?