गाजीपुर,
उत्तर प्रदेश की गाजीपुर जिला जेल में गुरुवार को बंदियों द्वारा जमकर हंगामा व पथराव किया गया। जवाबी कार्रवाई में जेल प्रशासन द्वारा बंदियों को काबू करने के लिए कई राउंड हवाई फायरिंग की गई। इस दौरान एक जेलकर्मी और सीसीटीवी लगानेवाले को बैरक में ही बंदियों ने बंधक भी बना लिया था। जेल में जेल प्रशासन के खिलाफ बंदियों ने जमकर नारेबाजी भी किया। सामने आए विडियो में देखा जा सकता है कि बंदियों द्वारा किस तरह से उपद्रव किया जा रहा था।
जेल में ही बंदी गैस सिलेंडर अपने हाथों में लेकर इधर-उधर करते नजर आए। तकरीबन साढ़े तीन घंटा मशक्कत करने के बाद जिला प्रशासन उपद्रवी बंदियों पर काबू पा सके। सूत्रों के मुताबिक, जेल प्रशासन द्वारा बंदियों के बैरक की तलाशी ली जा रही थी, तलाशी के बाद बैरकों में सीसीटीवी लगना था लेकिन बैरकों के चेकिंग अभियान के दौरान कुछ मोबाइल और नशीला पदार्थ भी मिला। जिसपर बंदियों ने चेकिंग और सीसीटीवी कैमरा लगाने को लेकर हंगामा कर दिया। हंगामे को शांत करने के लिए जेल प्रशासन द्वारा कई राउंड हवाई फायरिंग की गई, जिसके बाद कैदी और आक्रोशित हो गए और जेल प्रशासन के ऊपर पथराव शुरू कर दिए।
हंगामे की खबर पर पहुंचे डीएम और एसपी
बताया गया कि जेल में पथराव और फायरिंग की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचकर एडीएम के नेतृत्व में एसडीएम, एसपी सिटी, सीओ, कोतवाल, दारोगा समेत भारी फोर्स के साथ जेल के अंदर पहुंच गए और बंदियों को शांत करने की कोशिश में लग गए। यहां तक कि कैदियों को शांत करने के लिए फायरब्रिगेड का भी सहारा लेना पड़ा। जब उससे भी बात नहीं बनी तो डीएम के बालाजी और एसपी यशवीर सिंह ने भारी फोर्स के साथ जेल के अंदर पहुच बंदियों के साथ बातचीत की। साढ़े 3 घंटे मशक्कत के बाद बंदियों को काबू किया गया।
जेल से बाहर निकलते वक्त डीएम के बालाजी ने बताया, ‘यहां जो बंदी हैं वे ताला बंद करके हंगामा कर रहे थे, उनकी कुछ शिकायते थीं, जो मुख्य रूप से चिकित्सा और भोजन से संबंधित थीं। इनलोगों की मांग थी कि डीएम और एसपी मौके पर आएं इसलिए हमलोग पहुंचे। इनसे बातचीत की गई है और सभी बंदी बैरक में वापस चले गए हैं।’
फायरिंग की बात को डीएम ने नकारा
उन्होंने कहा कि पुलिस द्वारा किसी तरह की फायरिंग नहीं की गईं है। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार फायरिग की आवाजें लगातार आ रहीं थीं। डीएम ने एक कर्मचारी और एक सीसीटीवी कैमरा लगाने गए कर्मचारी को बंदियों द्वारा बंधक बनाने की बात को स्वीकार किया लेकिन आगजनी पर पूछे जाने पर कहा कि हल्की-फुल्की आग थी।