नई दिल्ली,
मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने और लद्दाख को अलग करने के फैसले से जहां पूरे देश में हलचल मची हुई है, वहीं दूसरी ओर मोदी सरकार के इस फैसले से देश की भौगोलिक स्थिति भी बदल गई है।
अभी तक देश में 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश हैं, लेकिन मोदी सरकार के नए फैसले के बाद देश में राज्यों की संख्या घटकर 28 रह जाएगी और केंद्र शासित प्रदेशों की संख्या बढ़कर 9 हो जाएगी।
मोदी सरकार के गृहमंत्री अमित शाह ने सोमवार को लोकसभा में जम्मू व कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा की। इसके अलावा उन्होंने लद्दाख को जम्मू व कश्मीर से अलग एक नया केंद्र शासित प्रदेश बनाने की घोषणा की। जम्मू-कश्मीर में चुनी हुई विधान सभा होगी, जबकि लद्दाख पूर्ण केंद्र शासित प्रदेश होगा।
क्या है केंद्र शासित प्रदेश
भारत के केंद्र शासित प्रदेश भारत के गणराज्य में विशेष प्रशासनिक क्षेत्र हैं, जो सीधे केंद्र सरकार के अधीन कार्य करते हैं। भारत के राज्यों के विपरीत, जिनकी अपनी राज्य सरकार होती है, केंद्र शासित प्रदेशों में स्वयं की कोई सरकार नहीं होती है। वर्तमान में भारत में कुल सात केंद्र शासित प्रदेश हैं, जिसमें दिल्ली और पुडुचेरी को आंशिक रूप से राज्य का दर्जा प्रदान किया गया है। प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश की अपनी एक राजधानी या प्रशासन का मुख्य क्षेत्र होता है।
इतिहास
जब 1949 में भारती संविधान को अपनाया गया था, तब केवल एक केंद्र शासित प्रदेश अंडमान और निकोबार द्वीप समूह था। दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, चंडीगढ़ और लक्ष्यद्वीप का गठन पहले से मौजूद राज्यों से अलग कर किया गया। दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव एवं पुडुचेरी का निर्माण अधिग्रहित क्षेत्रों से किया गया, जो पूर्व में पुर्तगाली भारत या फ्रांसीसी भारत का हिस्सा थे।
भारत की संसद संविधान में संशोधन करने के लिए एक कानून पारित कर सकती है और एक केंद्र शासित प्रदेश को निर्वाचित सदस्यों और एक मुख्यमंत्री के साथ एक विधानमंडल प्रदान कर सकती है, जैसा कि उसने दिल्ली और पुडुचेरी के लिए किया है। सामान्य तौर पर भारत के राष्ट्रपति प्रत्येक केंद्र शासित प्रदेश के लिए एक प्रशासक या लेफ्टिनेंट गवर्नर नियुक्त करते हैं। चंडीगढ़ सहित देश में अब नौ केंद्र शासित प्रदेश होंगे। चंडीगढ़ पंजाब और हरियाणा की संयुक्त राजधानी है।
दिल्ली, पुडुचेरी और जम्मू व कश्मीर में एक निर्वाचित विधान सभा और आंशिक राज्य-दर्जे के साथ मंत्रियों की एक कार्यकारी परिषद होगी।
बिना विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेश
चंडीगढ़, दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, लक्ष्यद्वीप, अंडमान और निकोबार द्वीप, लद्दाख
स्वयं की विधानसभा वाले केंद्र शासित प्रदेश
पुडुचेरी, दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र, जम्मू एवं कश्मीर