झज्जर हरियाणा

सीएम कार्यक्रम के दौरान दो बेटियों से पुलिस ने की बदसलूकी, एक को सीएम ने अपने पास बुलाया, दूसरी को पुलिस ने 3 घंटे तक बैठाए रखा थाने में

झज्जर,
मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान एक दलित महिला से बदसलूकी करने का मामला सामने आया है। पीडित महिला अपने बच्चे के साथ कुछ समय पहले हुए कुर्कम की घटना की शिकायत पुलिस को दिए जाने के बाद भी कार्यवाही न होने से परेशान होकर पुलिस द्वारा कार्यवाही न किए जाने की शिकायत सूबे के मुख्यमंत्री के समक्ष रखने आई थी, लेकिन पुलिस ने महिला से बड़ी बदसलुकी की।

हैरानी की बात ये है कि ये पुलिस अधिकारी ये तक भूल गए कि किसी महिला को इस तरह से छूना या इस तरह बदलसुकी करना कितना बड़ा अपराध है। अगर इस महिला ने कुछ गलत भी किया था तो उसे बाहर करने के लिए एक महिला पुलिसकर्मी का भी सहारा लिया जा सकता था। लेकिन मुख्यमंत्री के कार्यक्रम में एक महिला से इस तरह से बदलसुलकी कर उसे धक्के देकर बाहर निकालना महिलाओं के मान सम्मान को ठेस पहुचाने वाला है।

बता दे कि मुख्यमंत्री मनेाहरलाल खट्टर झज्जर के नेहरू महाविधालय के हाल में आयोजित एक कार्यक्रम में बतौर मुख्यतिथि पहुंचे थे। इसी दौरान ये महिला व उसका परिवार मुख्यमंत्री के समक्ष अपनी शिकायतें रखने के लिए जा रहे थे। लेकिन रस्ते में ही पुलिस ने इनको रोक लिया। हांलाकि जब मुख्यमंत्री के संज्ञान में ये मामला आया तो उन्होने पीड़ित महिला से बातचीत भी की और उन्हें न्याय दिलाने की का आश्वासन भी दिया। लेकिन सवाल ये खड़ा हो रहा है कि सरकार जहां महिलाओं के मान-सम्मान व उनकी सुरक्षा के लिए अनेक प्रकार की मुहिम चला रही है, लेकिन धरातल पर उन्हीं के ये अधिकारी महिलाओं के साथ इस तरह की घटिया हरकत को अंजाम देकर उनके प्रयासों को पलिता लगा रहे है।

वही दूसरी ओर सीएम के कार्यक्रम एक ओर मामला सामने आया। दरअसल झज्जर के आदर्श नगर की एक युवती ने एक रोज पूर्व ही प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री को टेग करके टवीट किया था कि दीपक नाम के लडके ने उसके साथ शादी की थी, लेकिन अब उसने दूसरी शादी कर ली है। जिसकी शिकायत पुलिस को दी, लेकिन पुलिस कोई कार्यवाही नही कर रही है। पीड़िता ने यहां तक कहा कि अब मेरा आ​खिरी सहारा आप ही हो।

हालांकि इस टवीट पर एसपी झज्जर ने पीडिता को महिला थाने पर शिकायत दर्ज कराने की बात कही, जिस पर इस युवती ने ये कहा कि पुलिस में शिकायत कर रखी, लेकिन पुलिस पैसे खाकर बैठी है। आज ये युवती अपनी समस्या मुख्यमंत्री के समक्ष रखना चाहती थी, लेकिन पीड़िता का आरोप है कि आज सुबह ही छह पुलिसकर्मी जिनमें दो महिला व चार पुरूष पुलिसकर्मी उनके घर आए, उसे उसके घर से ही दबोच लिया। गाड़ी में बैठाकर कर करीब तीन घंटे युवती को जिले के आस-पास के गांव में लेकर घुमाते रहे। बाद में महिला थाने में उसे बंद कर दिया गया। जब मुख्यमंत्री का कार्यक्रम खत्म हो गया तो उसे उसके घर छोड़ दिया गया। युवती ने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा उसके साथ एक मुजरिम से भी बुरी तरह से पेश आई। बस उसका दोष इतना थी कि वो मुख्यमंत्री के सामने अपनी शिकायत रखना चाहती थी।

सीएम कार्यक्रम से जुडे दोनों मामले पुलिस पर कई सवाल खड़े कर रहे। अगर कोई महिला मुख्यमंत्री के सामने ही अपनी शिकायत नहीं रख सकती तो हम कैसे कह सकते कि समाज में अभिव्यक्ति की आजादी है और हमारे समाज में महिलाएं को बराबर का दर्जा दिया जाता है। खैर ये दोनों मामले कई सवाल खड़े कर रहे ,लेकिन देखने वाली बात ये है कि सरकार कब तक इस पूरे में मामले में एक्शन लेती है।

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