उत्तर प्रदेश राजस्थान

राजा मानसिंह हत्या : 35 साल में करीब 1700 तारीख, 11 पुलिसकर्मी दोषी साबित

मथुरा,
राजस्थान के चर्चित राजा मान सिंह हत्या मामले में मथुरा स्थित सीबीआई कोर्ट ने 11 लोगों को दोषी ठहराया है। कोर्ट ने इसमें 3 लोगों को बरी कर दिया है। 35 साल बाद राजा मान सिंह, हरि सिंह और सुमेर सिंह हत्या मामले पर कोर्ट ने कुल 18 में से 11 आरोपियों को दोषी ठहराया है।

11 पुलिसकर्मी दोषी
कोर्ट ने आरोपियों को आईपीसी की धारा 302, 148, 149 के तहत दोषी पाया है। अब सजा के मामले में कोर्ट कल सुनवाई करेगी। मथुरा की जिला जज साधना रानी इस मामले में कल सजा सुनाएंगी। इसमें कई पुलिसकर्मी दोषी थे जिसमें सीबीआई ने कोर्ट में 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ चालान पेश किया था। उनमें से चार की मौत हो गई और तीन को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। कोर्ट ने डीएसपी कान सिंह भाटी सहित 11 पुलिसकर्मियों को दोषी माना है।

क्यों खफा हुए राजा मानसिंह
दरअसल भरतपुर राजपरिवार के सदस्य राजा मान सिंह जो डीग से 7 बार निर्दलीय विधायक रहे, लेकिन यह घटना तब घटित हुई जब राजा मान सिंह के खिलाफ कांग्रेस पार्टी ने एक सेवानिवृत्त आईएएस ऑफिसर विजेंद्र सिंह को उनके सामने टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा। 20 फरवरी 1985 को कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजा मान सिंह के पोस्टर झंडे और बैनर फाड़ दिए थे। इससे मान सिंह काफी नाराज हो गए थे।

क्यों हुआ था डीग में विवाद?
कांग्रेस शासित सरकार के मुख्यमंत्री शिवचरण माथुर हेलीकॉप्टर से डीग में कांग्रेस प्रत्याशी के समर्थन में सभा को संबोधित करने आए थे तभी राजा मान सिंह अपनी जीप लेकर सभा स्थल पर पहुंच गए और मंच तोड़ दिया। उसके बाद मुख्यमंत्री के हेलीकॉप्टर को भी अपनी जीप से तोड़ दिया था, जिसके बाद इलाके में तनाव पैदा हो गया और पुलिस ने भी कर्फ्यू लगा दिया था।

कैसे हुए मौत
21 फरवरी 1985 को जब राजा मान सिंह अपनी जीप में सवार होकर अपने समर्थकों के साथ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने पहुंच रहे थे तभी डीग कस्बे की अनाज मंडी में भारी पुलिस तैनात थी। वहां डीएसपी कान सिंह भाटी ने अपने पुलिसकर्मियों के साथ राजा मान सिंह को रोक लिया था। जिसके बाद पुलिस ने राजा मान सिंह और उसके समर्थकों पर फायरिंग शुरू कर दी जिसमें राजा मान सिंह के साथ ठाकुर सुमेर सिंह और ठाकुर हरि सिंह की मौत हो गई थी।

पुत्री ने किया था पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस
इस हत्याकांड के बाद राजा मान सिंह की पुत्री और बीजेपी नेता कृष्णेंद्र कौर दीपा ने डीएसपी कान सिंह भाटी सहित अन्य पुलिसकर्मियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कराया था। मामले की जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंपा गया था जिसके बाद करीब 35 वर्षों से यह जांच चल रही थी और यह जांच प्रभावित न हो इसलिए उनकी पुत्री ने कोर्ट में अर्जी लगाकर इसकी सुनवाई मथुरा कोर्ट में ट्रांसफर करने की अपील की थी। इस मामले में कल यानी 22 जुलाई को सजा पर फैसला सुनाया जाएगा।

करीब 1700 तारीख पड़ी
राजा मान सिंह की पुत्री कृष्णेंद्र कौर दीपा ने कहा कि करीब 1700 तारीख पड़ी हैं और कई बार जज बदले हैं और करीब 35 साल बाद आज उनके पिता की आत्मा को शांति मिलेगी, जब उनकी हत्या के आरोपियों को दोषी माना गया है। इसमें कई पुलिसकर्मी दोषी थे जिसमें सीबीआई ने कोर्ट में 18 पुलिसकर्मियों के खिलाफ चालान पेश किया था। इसमें चार की मौत हो गई है और तीन को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया गया। कोर्ट ने डीएसपी कान सिंह भाटी सहित 11 पुलिसकर्मियों को दोषी माना है।

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