राशिफल

परमहंस संत शिरोमणि स्वामी सदानंद जी महाराज के प्रवचनों से —123

वृंदावन और गोकुल के लोग इंद्र की पूजा करते थे। उनका मानना था कि इंद्र ही अच्छी बारिश करवा पायेंगे। इंद्र मेघों के राजा है। बारिश करवाने का पूरा विभाग उनके अधीन है। श्रीकृष्ण ने बारिश का कारण प्रकृति को बताते हुए प्रकृति के संरक्षण पर जोर दिया। उन्होंने लोगों को समझाया कि हमारे क्षेत्र में बारिश का कारण इंद्र नहीं बल्कि गोवर्द्धन पर्वत है।

श्रीकृष्ण ने इंद्र की पूजा को रुकवाकर गोवर्द्धन की पूजा आरम्भ करवाई। इंद्र ने इसे अपना अपमान मानकर वृंदावन और गोकुल में भारी बारिश करनी आरंभ कर दी। श्रीकृष्ण ने गोवर्द्धन पर्वत को उठाकर लोगों की रक्षा की। लेकिन इंद्र की पूजा नहीं होने दी। उन्होंने इंद्र को उसकी गलती का अहसास करवाया। श्रीकृष्ण ने इस लीला से साफ संदेश दिया कि प्रकृति द्वारा प्रदान किए गए संसाधन पहाड़, नदी, वृक्ष, मिट्टी सबका संरक्षण करो। इन्हीं से मानव जीवन सुरक्षित है।

प्रेमी सुंदरसाथ जी, इस लीला से यह संदेश भी मिलता है कि लोगों को अपने कर्तव्य पूरे करने के लिए रिश्वत नहीं देनी चाहिए। गलत का विरोध करे और उसे रोकने के लिए एकजुट हो जाएं। ऐसे संस्कार बचपन में बच्चों को देने चाहिए। क्योंकि बचपन में सिखाई गई अच्छी आदतें ही आगे के जीवन का निर्माण करती है।

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Jeewan Aadhar Editor Desk