दौसा,
प्रसिद्ध धर्म स्थलों में शामिल मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के महंत किशोरपुरी महाराज का रविवार दोपहर जयपुर में निधन हो गया। वे 88 साल के थे। पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर एक सप्ताह पहले ही मेहंदीपुर बालाजी से जयपुर ले जाया गया था। उनका इलाज एटरनल हॉस्पिटल में चल रहा था।
उन्होंने रविवार को दोपहर 1 बजे अपने घर पर अंतिम सांस ली। दोपहर करीब साढ़े तीन बजे उनका पार्थिव शरीर बालाजी पहुंचा। यहां निवास पर अंतिम दर्शन के लिए रखा गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सांसद जसकौर मीणा, मंत्री ममता भूपेश ने दुख जताया है।
मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के महंत श्री किशोरपुरी महाराज के निधन की जानकारी दुखद है। उन्होंने सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किये। ईश्वर से प्रार्थना है दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करें।
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) August 8, 2021
महंत किशोरपुरी महाराज के निजी सचिव दीपक गुप्ता ने बताया कि महाराजजी चेस्ट इन्फेक्शन समेत कई बीमारियों से जूझ रहे थे। उनके पार्थिव शरीर को जयपुर से मेहंदीपुर बालाजी लाया जाएगा। वहां संत परंपरा के अनुसार महंत को समाधि दी जाएगी।
महंत किशोरपुरी महाराज के निधन की सूचना मिलते ही बालाजी कस्बे में सन्नाटा पसर गया। दर्शनार्थियों के लिए बालाजी मंदिर के पट बंद कर दिए गए हैं। इसके साथ ही व्यापारी बाजार की दुकानें भी बंद कर मंदिर परिसर में पहुंच गए हैं। यहां अंतिम दर्शन के लिए लोग इंतजार कर रहे हैं।
सामाजिक कार्यों के लिए अपनी विशेष पहचान रखने वाले महंत किशोरपुरी का जन्म साल 1944 में मेहंदीपुर बालाजी के पास उदयपुरा गांव में हुआ था। बचपन में अपने गुरु गणेशपुरी महाराज से दीक्षा लेने के बाद करीब 55 साल पहले मेहंदीपुर बालाजी के महंत की गद्दी पर आसीन हुए थे। बालाजी मंदिर ट्रस्ट के पदेन अध्यक्ष महंत किशोरपुरी ने बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए प्राथमिक से लेकर उच्च माध्यमिक तक स्कूल और पीजी कॉलेज तक खोले।
महंत किशोरपुरी महाराज ने महिला विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर भी प्रयासरत थे। साथ ही विभिन्न धार्मिक पर्व पर बालिकाओं के लिए दान-पुण्य करते थे। उनके सानिध्य में ही पिछले 2 साल से मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का जीर्णोद्धार कर भव्य रूप देने का निर्माण कार्य चल रहा है।