नेता न्यौता का कार्ड दिखाते रहे—पुलिस बोली नो एंट्री
फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
फतेहाबाद में किसानों की चेतावनी के चलते स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम में आमजन तो दूर स्वयं को वीआईपी समझने वाले सफेदपोश लोगों को भी एंट्री नहीं मिली। 75वें स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के अवसर पर बिजली व जेल मंत्री रणजीत चौटाला मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे और ध्वजारोहण कर अपना संबोधन दिया। बिजली मंत्री ने लोगों को संबोधित किया और आजादी के महत्व पर प्रकाश डाला। किसानों के द्वारा बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला के विरोध का ऐलान किया गया था, जिसके चलते चप्पे-चप्पे पर पुलिस तैनात दिखी।
किसानों का भय फतेहाबाद प्रशासन के मन में इस कदर था कि उन्होंने बीजेपी के जिन नेताओं को वीआईपी पास दिए गए थे, उन्हें भी कार्यक्रम स्थल पर एंट्री तक नहीं दी गई। बीजेपी नेता पुलिस द्वारा लगाई गई बैरिकेडिंग पर कार्यक्रम में जाने की गुहार लगाते रहे, मिन्नते करते रहे, स्वयं का परिचय देते रहे— लेकिन पुलिस ने कोई सुनवाई नहीं की। थक—हार कर मन मनोसकर बेचारे वीआईपी नेता वापिस घर को लौट गए।
बीजेपी नेताओं का कहना था कि अगर उन्हें एंट्री नहीं देनी थी तो वीआईपी पास क्यों दिया। उन्हें निमंत्रण दिया गया, लेकिन एंट्री नहीं दी गई। वहीं मंत्री महोदय का कहना है कि स्वतंत्रता दिवस पर सुरक्षा व्यवस्था सदा रहती है। लालकिले पर जाकर देखना, वहां भी ऐसा ही रहता है।
अब मंत्री महोदय को कौन बताएं कि ये दिल्ली नहीं है—यह फतेहाबाद है। यहां आमजन पूरे साल इंतजार करता है स्वतंत्रता दिवस समारोह को देखने के लिए। चलिए जो भी हो, सत्ताधारी नेताओं की इससे बड़ी बेइज्जती और क्या हो सकती है। पहले प्रशासन ने उनका वीआईपी स्टेटस झाड़ दिया और फिर मंत्री जी ने सुरक्षा का हवाला देकर एक तरह से प्रशासन को क्लीन चिट दे दी। हालात तो ऐसे रहे कि आरएसएस के जिला स्तर के पदाधिकारियों को भी मुहं लटकाकर वापिस जाना पड़ा। कुल मिलाकर कहा जा सकता है कि फतेहाबाद में स्वतंत्रता दिवस का कार्यक्रम इस बार आमजन के लिए न होकर केवल और केवल मंत्री जी और प्रशासनिक अधिकारियों के लिए आयोजित किया गया था।