मशरूम उत्पादन तकनीक विषय पर तीन दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण का समापन
हिसार,
हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के सायना नेहवाल कृषि प्रौद्योगिकी, प्रशिक्षण एवं शिक्षा संस्थान की ओर से मशरूम उत्पादन तकनीक विषय पर आयोजित तीन दिवसीय व्यावसायिक प्रशिक्षण संपन्न हो गया। प्रशिक्षण में हरियाणा के अलावा राजस्थान से 5 9 प्रशिक्षणार्थियों ने हिस्सा लिया।
संस्थान के सह निदेशक (प्रशिक्षण) डॉ. अशोक कुमार गोदारा ने बताया कि कुलपति प्रो. बीआर कम्बोज के निर्देशों पर इस तरह के प्रशिक्षण लगातार आयोजित किए जा रहे हैं ताकि बेरोजगार युवक-युवतियों को अधिक से अधिक लाभ मिले। उन्होंने बताया कि मशरूम एक ऐसा व्यवसाय है जिसे भूमिहीन, शिक्षित एवं अशिक्षित, युवक व युवतियां इसे स्वरोजगार के रूप मेंं अपना सकते हैं तथा सारा वर्ष मशरूम की विभिन्न प्रजातियों जैसे सफेद बटन मशरूम (अक्टूबर से फरवरी), ढींगरी (मार्च से अप्रैल), दूधिया मशरूम/धान के पुवाल की मशरूम (जुलाई से अक्टूबर) को उगाकर सारा साल मशरूम का उत्पादन किया जा सकता है और स्वावलंबी बना जा सकता है। उन्होंने बताया कि हरियाणा तथा भारत सरकार द्वारा किसानों तथा बेरोजगार युवक व युवतियों को मशरूम उत्पादन को कृषि विविधिकरण के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहन दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि संस्थान की ओर से विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण समय-समय पर आयोजित किए जाते रहते हैं। इसलिए संस्थान से जुडक़र व प्रशिक्षण हासिल कर आत्मनिर्भर बनें। प्रशिक्षण के आयोजक डॉ. सतीश कुमार, डॉ. राकेश चुघ, डॉ. निर्मल कुमार, डॉ. डीके शर्मा, डॉ. मनमोहन, डॉ. जगदीप, प्रगतिशील किसान विकास वर्मा ने प्रतिभागियों को खुंब उत्पादन व उससे संबंधित विभिन्न प्रकार की जानकारियां मुहैया करवाई।
पौष्टिकता व औषधीय गुणों से भरपूर मशरूम
वैज्ञानिकों ने बताया कि हरियाणा प्रदेश खुम्ब उत्पादन मे पंजाब के बाद अपना स्थान बनाए हुए है। हरियाणा में ज़्यादातर किसान सफ़ेद बटन खुम्ब की खेती करते है और 3-4 महीने की इस फसल के समाप्त होते ही मशरूम फार्म को बंद कर देते है। उन्होंने बताया कि ढींगरी व दूधिया मशरूम को लगाने का तरीका बहुत ही सरल है और सफेद बटन मशरूम से उत्पादन भी ज्यादा होने के साथ साथ इनमे स्वादिष्टता, पौष्टिकता और औषधीय गुण भी बटन मशरूम से ज्यादा पाये जाते है। ढींगरी व दूधिया खुंबों में भी प्रोटीन, विटामिन, खनिज, लवण, अमीनो एसिड इत्यादि प्रचुर मात्र मे पाये जाते हैं। इन खुम्बों में भी कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते है जो शरीर मे होने वाले रोगों जैसे ज्यादा रक्तचाप, शुगर, कैंसर, दिल के रोगों इत्यादि से शरीर की रक्षा करने मे सहायक होते हैं।