हरियाणा हिसार

कर्मचारियों की घटती संख्या, काम का बढ़ता बोझ व भर्तियां न होने से हो रही जनता के काम में देरी : दलबीर किरमारा

जनता व कर्मचारी वर्ग में तालमेल समय की जरूरत

अपराध पर रोक के लिए पुलिस व जनता में सहयोग की नितांत आवश्यकता

हिसार,
हरियाणा रोडवेज संयुक्त कर्मचारी संघ के राज्य प्रधान दलबीर किरमारा ने कहा है कि वर्तमान समय में आम जनता व कर्मचारी वर्ग को तालमेल बढ़ाने की जरूरत है। खासतौर पर अपराध पर रोक के लिए पुलिस व आम जनता में तालमेल तो नितांत आवश्यकता है।
दलबीर किरमारा ने कहा कि समय-समय के साथ जनता में कर्मचारी वर्ग के प्रति धारणा गलत होती जा रही है। किसी न किसी वजह से जनता के कार्यों में हो रही देरी के लिए कर्मचारी वर्ग को दोषी माना जाता है और फिर जनता में कर्मचारियों के प्रति नकारात्मक भावना पनपने लगती है। वास्तव में इस देरी के लिए कर्मचारियों पर बढ़ता काम का बोझ, विभिन्न विभागों में खाली पड़े हजारों पद व सरकार द्वारा नियमित भर्ती न किया जाना सीधे तौर पर जिम्मेवार है परंतु जनता के गुस्से का शिकार सीटों पर बैठे कर्मचारियों को होना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सारे कर्मचारी गलत नहीं हो सकते और आम जनता का गुस्सा अपनी जगह जायज है। ऐसे में कर्मचारी वर्ग को भी चाहिए कि वह जनता के कार्यों को प्राथमिकता दें और उनकी समस्याएं व जरूरतें निपटाने में अनावश्यक विलंब न करें क्योंकि आने वाली जनता भी वही है, जहां से हम आए हैं। इसके साथ ही जनता भी कर्मचारियों की मजबूरी को समझें और उनके प्रेम-प्यार से बात करके अपना कार्य करवाएं और उन पर अनावश्यक दबाव न दें। यदि दोनों पक्ष तालमेल से चलेंगे तो निश्चित रूप से न कर्मचारी परेशान होंगे और न ही जनता का काम रूकेगा।
दलबीर किरमारा ने कहा कि आम कर्मचारियों के अलावा जनता व पुलिस कर्मचारियों का तालमेल और भी ज्यादा जरूरी है। अपराध पर रोक लगाने व अन्य घटनाओं पर रोक के लिए हमें सबसे पहले पुलिस के पास जाना पड़ता है। ऐसे में यदि पुलिस कर्मचारी व अधिकारी जनता से मधुर व्यवहार से बर्ताव करें और जनता भी पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों से सहयोगात्मक रवैया रखें तो अपराध पर जल्दी काबू पाया जा सकता है। दिन-प्रतिदिन बढ़ते नये-नये अपराध, पुलिस कर्मचारियों की कमी व अन्य कारणों से पुलिस कर्मचारी भी तनाव में रहता है वहीं किसी अपराध की घटना से पीडि़त व्यक्ति का समय पर कार्य न होने पर वह पुलिस को कोसता है। ऐसे में सही तो अपनी-अपनी जगह दोनों ही है लेकिन उन्हें एक-दूसरे की परिस्थितियां समझने की जरूरत है। यदि दोनों पक्ष तालमेल व संयम से काम लें तो काफी हद तक दोनों पक्षों में सहयोग बढ़ सकता है, जिसकी नितांत जरूरत है।

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