फतेहाबाद (साहिल रुखाया)
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बदल रहे समाज का एक नया रूप देखने को मिला है, पहले जहां बेटे की चाहत में बेटी को कोख में मारा जाता था, अब उसी समाज में एक दंपती ने अपना बेटा गोद देकर बदले में बेटी गोद ली है। मामला फतेहाबाद के गांव किरढ़ान का है। किरढ़ान निवासी लालचंद के घर 14 नवंबर को पोते ने जन्म लिया, लेकिन लालचंद का परिवार पोती की चाहत रखता था। ऐसे में पास के गांव किशनगढ़ निवासी भूपसिंह के घर में चौथी बेटी ने 11 नवंबर को जन्म लिया। लालचंद ने भूपसिंह के परिवार से बात की और उनकी बेटी को गोद ले लिया और अपना पोता उन्हें गोद दे दिया। इस फैंसले से दोनों घरों में खुशी का महौल है, वहीं समाज में भी इन परिवारों का मान बढ़ा है।
पोते के बदले बेटी को गोद लेकर लालचंद काफी खुश है। उनका कहना है कि बिना बेटी के घर सूना होता है। भूपसिंह नैन ने उनको बेटी गोद देकर उनके घर का सूनापन दूर कर दिया। वहीं ग्रामीण लालचंद परिवार के फैंसले से काफी खुश है। ग्रामीणों का कहना है कि लालचंद के बेटे अनूप और बहु सीता ने बेटे का त्याग कर कन्या को अपनाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेटी पढ़ाओ—बेटी बचाओं अभियान को सार्थक किया है। SMO डॉ. सुजाता बंसल भी दोनों परिवारों के फैंसले से खुश है। डाक्टर ने कहा कि दोनों परिवारो को कानूनी रुप से गोदनामा करना चाहिए, इससे समाज में एक नया संदेश जायेगा। कुल मिलाकर लालचंद के एक फैंसले ने दोनों परिवारों में खुशियां देने के साथ—साथ समाज को भी एक नई राह दिखाई है।