गुरुग्राम,
रेयान इंटरनेशनल स्कूल में हुए प्रद्युम्न मर्डर केस में आज बड़ा आ सकता है। 16 दिसंबर को हुई सुनवाई के बाद जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था कि आरोपी छात्र को बालिग मानकर केस चलाया जाए या नहीं। हालांकि, इससे पहले जेजे बोर्ड ने आरोपी छात्र की एक याचिका को खारिज कर दिया था।
पार्ट टाइम नौकरी की तलाश है..तो यहां क्लिक करे।
11वीं में पढ़ने वाले आरोपी छात्र ने याचिका लगाई थी कि सीबीआई के चार्जशीट दायर करने तक उसके खिलाफ नाबालिग की तरह ही केस चलाया जाए। आरोपी जेजे बोर्ड के सामने जमानत याचिका भी लगाई थी, जिस पर सीबीआई को नोटिस जारी हुआ था। बोर्ड ने सीबीआई को आरोपी छात्र का फिंगर प्रिंट लेने की इजाजत भी दे दी थी।
मृतक प्रदुमन के पिता वरुण ठाकुर ने जेजे बोर्ड के सामने याचिका लगाई थी कि आरोपी को बालिग मानकर उसके खिलाफ केस चलाया जाए। उसने जघन्य अपराध किया है। ऐसे अपराध विकृत और वयस्क मानसिकता के अपराधी ही कर सकते हैं, ऐसे में कोर्ट उसे बालिग मानकर अधिकतम सजा दिलाने का रास्ता साफ करे। जीवन आधार प्रतियोगिता में भाग ले और जीते नकद उपहार
अधिकतम सजा की मांग करेगी CBI
यदि जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने इस मर्डर केस के आरोपी छात्र की मानसिकता का अध्ययन करने के बाद वयस्क मान लिया, तो आपराधिक रिकॉर्ड देखते हुए उसे उम्रकैद की सजा दी जा सकती है। यदि ऐसा नहीं हुआ तो उसे नाबालिग मानते हुए 3 साल तक के लिए बाल सुधार गृह भेज दिया जाएगा। हालांकि, सीबीआई अधिकतम सजा की मांग करेगी।
जीवन आधार बिजनेस सुपर धमाका…बिना लागत के 15 लाख 82 हजार रुपए का बिजनेस करने का मौका….जानने के लिए यहां क्लिक करे