रांची,
चारा घोटाले के एक मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने आरजेडी सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को साढ़े तीन साल की सजा सुनाई है। इसके अलावा कोर्ट ने लालू पर 5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है। बड़ी बात यह है कि लालू समेत सभी दोषियों को जमानत नहीं मिलेगी। इसके लिए उन्हें उच्च अदालत में जाना होगा। देवघर कोषागार से अवैध तरीके से 89.27 लाख रुपये निकालने के मामले में यह बड़ा फैसला आया है। विडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिए लालू समेत सभी 16 दोषियों ने रांची की बिरसा मुंडा जेल में एक साथ बैठकर जज का फैसला सुना। मामले में दोषी ठहराए गए फूल चंद्र, महेश प्रसाद, बी. जूलियस, राजाराम, राजेंद्र प्रसाद, सुनील कुमार, सुधीर कुमार और सुशील कुमार को भी 3.5 साल की सजा सुनाई गई है। जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।
सुनवाई के दौरान सीबीआई के वकील ने दोषियों को ज्यादा से ज्यादा सजा देने की मांग की थी जबकि लालू के वकील ने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए कम से कम सजा देने की अपील की थी। पिछले तीन दिन से कोर्ट में सुनवाई के दौरान लालू और जज के बीच बातचीत के कई प्रसंग सामने आए थे। CBI की विशेष अदालत के जज शिवपाल सिंह ने कहा था कि लालू के लोगों की ओर से उनके पास कई फोन आए थे। जज ने लालू प्रसाद यादव से कहा था कि, ‘आपके लिए मेरे पास कई लोगों ने सिफारिशें की हैं, लेकिन चिंता करने की जरूरत नहीं है। मैं केवल कानून का पालन करूंगा।’
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इससे पहले लालू के वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि, ‘लालू डायबीटीज और ब्लड प्रेशर के मरीज हैं और वह गुरुवार को लगभग बेहोश हो गए थे।’ कोर्ट ने जिन आरोपियों को चारा घोटाले के इस मामले में दोषी करार दिया है, उनमें लालू प्रसाद यादव के अलावा आरके राणा, जगदीश शर्मा, तीन आईएएस अधिकारी तत्कालीन वित्त आयुक्त फूलचंद सिंह, पशुपालन विभाग के तत्कालीन सचिव बेक जूलियस एवं एक अन्य वरिष्ठ अधिकारी महेश प्रसाद भी शामिल हैं।
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