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पद्मावत पर देशभर में गदर, दिल्ली-जयपुर हाईवे ब्लॉक, मथुरा में ट्रेन रोकी

नई दिल्ली,
सालभर से विवादों में घिरी भंसाली की फिल्म पद्मावत का दर्शकों में जबरदस्त क्रेज है। फिल्म 25 जनवरी को रिलीज हो रही है। लोगों में फिल्म को देखने की होड़ सी लगी है। सिनेमाघरों में पहले ही सारे शोज हाउसफुल हो चुके हैं। टिकट के लिए मारामारी चल रही है। साल की सबसे चर्चित फिल्म को हर कोई सबसे पहले देखने की ताक में है। खबर है कि पद्मावत को लेकर चंडीगढ़ में एप के जरिए सबसे ज्यादा टिकट बुक हुए हैं। पॉपुलर मूवी टिकट बुकिंग एप का दावा है कि चंडीगढ़ और मोहाली के थियेटर्स के 8 मल्टीप्लेक्स में 26 प्रिव्यू शोज के लिए 25% सीट पहले से रिजर्व हो चुकी है।

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देशभर में पद्मावत के खिलाफ उग्र प्रदर्शन

पद्मावत की रिलीज डेट जैसे-जैसे नजदीक आ रही है फिल्म को लेकर प्रदर्शन तेज हो रहा है। देशभर में राजपूत समुदाय के ठेकेदार विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। मथुरा, भुवनेश्वर, लखनऊ, दिल्ली-जयपुर हाईवे पर फिल्म की रिलीज के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन पर प्रदर्शनकारियों ने ट्रेन रोकने की कोशिश की। कुछ अज्ञात लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। लखनऊ में वेव सिनेमा के बाहर पुलिस ने सुरक्षा बढ़ाई। कुछ उपद्रवियों ने दिल्ली-जयपुर हाईवे पर चक्का जाम किया और फिल्म के पोस्टर जलाए।

विरोध के बीच करणी सेना की धमकी

राजपूत करणी सेना के प्रमुख कल्वी ने अपनी गिरफ्तारी की आशंका जताई है। उन्होंने फिल्म का विरोध करते हुए कहा कि हम अपने स्टैंड पर कायम हैं। पद्मावत को बैन होना चाहिए वरना लोग खुद से कर्फ्यू जैसे हालात पैदा कर देंगे।

हरियाणा में पद्मावत पर अघोषित बैन

हरियाणा में रणवीर-दीपिका-शाहिद की फिल्म पद्मावत पर संकट गहराता जा रहा है। राज्य में पद्मावत पर अघोषित बैन जैसे हालात पैदा हो गए हैं। करणी सेना की धमकी के खौफ के चलते 80 फीसदी थिएटर मालिकों ने पद्मावत को नहीं दिखाने का फैसला किया है। हरियाणा में फिल्म का एक भी पोस्टर नहीं दिखाई दे रहा है।

गुरुग्राम,हिसार में धारा 144 लागू

वहीं पद्मावत की रिलीज के दौरान थियेटरों में उपद्रवियों से निपटने के लिए पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। गुरुग्राम में एंबियंस मॉल की सुरक्षा बढ़ाई गई है। गुजरात में हालात खराब होने के बाद गुरुग्राम में 144 धारा लागू की गई है। हरियाणा के कुरुक्षेत्र,हिसार में पुलिस को शांति व्यवस्था के लिए धारा 144 लगानी पड़ी। शहर-शहर फिल्म की टिकटों की मारामारी जारी है। कई लोग टिकटों को लेकर झूठी अफवाहें फैला रहे हैं। मंगलवार को ऐसी भी रिपोर्ट आई कि एनसीआर में टिकट बचे ही नहीं हैं। इस तरह की झूठी खबरों ने फैंस को एकबार को जरूर निराश कर दिया। सिनेमाघरों में सारे शोज फटाफट हाउसफुल होते जा रहे हैं।

अलर्ट पर गृह मंत्रालय

तमाम इलाकों में हिंसा भड़कने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय अलर्ट पर है। एक बयान में कहा कि मौजूदा हालात से निबटने के लिए राज्य सरकारें सक्षम हैं। अगर जरूरत पड़ी तो गृहमंत्रालाय सरकारों को सहयोग देगा।

2400 रुपए तक में टिकट बिके

वहीं पद्मावती को लेकर लोग इस कदर उत्साहित हैं कि महंगी से महंगी टिकट खरीदने को तैयार हैं। टिकटों की कीमत आसमान छू रही हैं। करणी सेना का डर भी लोगों की उत्सुकता को कम नहीं कर पाया। दिल्ली के मल्टीप्लेक्स PVR में प्लैटिनम सुपीरियर में फिल्म देखने पर 2400 रूपए चुकाने पड़ेंगे। वहीं फिल्म का प्लैटिनम टिकट रेट 2200 रूपए है। सबसे मजेदार बात यह है कि टाइगर जिंदा है और बाहुबली-2 की दो टिकटों की कीमत पद्मावत के एक टिकट के बराबर है।

पद्मावत के खिलाफ अध्यादेश की मांग

मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश और राजस्थान के फिल्म पद्मावत पर बैन लगाने की पुनर्विचार याचिका पर फिर से रोक लगाकर फिल्म की रिलीज का रास्ता साफ किया। लेकिन राजपूत समुदाय के ठेकेदार बन रहे कुछ संगठनों ने SC के फैसले के बाद भी अपना विरोध जारी रखा है। राजपूत संगठनों ने अब नया शिगूफा छेड़ा है। उन्होंने केंद्र से अध्यादेश लाकर फिल्म पद्मावत की रिलीज टालने की मांग की है।

राजपूत संगठनों का दावा है कि यह मुद्दा अब उनकी फिल्म तक ही सीमित नहीं रहा बल्कि पूरे हिंदू समाज को शामिल करता है। सर्व समाज संघर्ष समिति ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है। जिसमें कहा गया है कि पद्मावत की रिलीज रोकने के लिए अध्यादेश लाया जाए। अध्यादेश के जरिए रानी पद्मिनी के सम्मान को बचाने और हिंदू सभ्यता को बरकरार रखने का हवाला दिया है।

राजपूत नेताओं की धमकी

श्री राजपूत सभा के प्रमुख और समिति के संयोजक गिरिराज सिंह लोटवारा ने कहा, मैंने पीएम और सीएम से फिल्म पर रोक लगाने के लिए अध्यादेश की मांग की है। फिल्म के जरिए हमारी भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। राजपूत नेताओं ने धमकी देते हुए कहा कि अगर 24 घंटे में अध्यादेश नहीं लाया गया तो हालात और भी खराब हो सकते हैं। राज्य सरकार को अब सुप्रीम कोर्ट के पास जाने की जरूरत नहीं है। अब भी हम किसी भी वक्त फिल्म को रोक सकते हैं।
वहीं राजस्थान के गृहमंत्री गुलाब चंद कटारिया सुप्रीम कोर्ट के मंगलवार को आए फैसले के बाद थोड़े नरम दिखे। उन्होंने कहा कि SC ने हमारी पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है। अब मैं और मेरी टीम के पास राज्य में कानून-व्यवस्था बनाने के अलावा कोई ऑप्शन नहीं है।
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Jeewan Aadhar Editor Desk