हिसार

ये कैसा इनसो का छात्र हित, पढ़ाई जरूरी या चुनाव

छात्रों को समझ नहीं आ रहे इनसो के छात्र हितैषी राग

हिसार (राजेश्वर बैनीवाल)
इंडियन नेशनल लोकदल के छात्र संगठन इनसो ने शुक्रवार को अनोखे अंदाज में छात्र हितों की बात रखी। छात्रों के हित इतने अधिक कि इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन को विश्वविद्यालय की छुट्टी तक करनी पड़ी। विश्वविद्यालय के इस कदम को इनसो ने उसका डर करार दिया। प्रदेश के शिक्षा मंत्री इनसो की हड़ताल को औचित्यहीन करार देते हुए छात्र हित में हड़ताल या भूख हड़ताल न करने की अपील कर रहे हैं लेकिन इनसो है कि किसी की सुनने को तैयार नहीं है। उसे फिक्र है तो केवल और केवल छात्र संघ चुनावों की, चाहे वह छात्रों की पढ़ाई बाधित करके ही क्यों न करवाए जाएं।

जी हां, इनेलो के छात्र संगठन इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला के नेतृत्व में इनसो ने गुरू जम्भेश्वर विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय में भूख हड़ताल शुरू की। आंदोलन का ऐलान इनसो ने किया, लेकिन इनेलो के बड़े नेता आंदोलन में व मंच पर प्रमुखता से जमे रहे। इनसो अध्यक्ष का कहना है कि सरकार छात्र संघ चुनाव करवाना नहीं चाहती, वह समझौते से पीछे हट रही है। प्रदेश के शिक्षा मंत्री का कहना है कि इस मसले पर इनसो के साथ समझौता हो चुका है, दिग्विजय चौटाला की सहमति से नवम्बर में समझौता हुआ था, उसमें नये सत्र से चुनाव करवाने पर सहमति बनी थी लेकिन इनसो है कि केवल आंदोलन पर उतारू है। उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थानों में इस तरह के आंदोलन से विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित होती है, हमें विद्यार्थियों की पढ़ाई का ध्यान रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि एक तरफ तो इनसो छात्र हितों की बात कर रही है, दूसरी तरफ वह पढ़ाई बाधित करके छात्रों का अहित कर रही है।

दूसरी तरफ इनसो के आंदोलन के मद्देनजर विश्वविद्यालय प्रशासन को शुक्रवार को छुट्टी करनी पड़ी। प्रशासन ने एहतियात के तौर पर यह छुट्टी की, जिसे इनसो नेता दिग्विजय चौटाला ने विश्वविद्यालय का डर बताया और कहा कि इस तरह छुट्टी करने से आंदोलन नहीं दबेगा। इनसो ने अपने पूर्व घोषित कार्यक्रम के अनुसार शुक्रवार को गुजवि में भूख हड़ताल शुरू कर दी। इस दौरान इनसो ने छात्र हितों का जमकर राग अलापा, लेकिन इस आंदोलन से छात्रों की पढ़ाई बाधित होने के मसले पर इनसो नेता बचते नजर आए। इनसो नेताओं के पास इस बात का भी स्पष्ट जवाब नहीं है कि प्रदेश में छात्र संघ चुनाव प्रतिबंधित किये जाने के बाद इनेलो की सरकार भी बन चुकी है, ऐसे में यदि ये चुनाव इतने जरूरी थे तो इनेलो ने क्यों नहीं ये चुनाव करवाए। पढ़ाई बाधित होने व इनेलो सरकार में चुनाव न करवाने का इनसो नेता सदैव गोलमोल जवाब देते रहे हैं। इनसो ने अनिश्चिकालीन आंदोलन का ऐलान किया है, सरकार एवं विश्वविद्यालय प्रशासन इनसो से किस तरह बातचीत करके निपटती है, यह देखने वाली बात होगी, लेकिन इतना तय है कि इनसो के आंदोलन से छात्रों की पढ़ाई अवश्य बाधित हो रही है। दूसरी तरफ इनेलो के जिला प्रवक्ता एडवोकेट मनदीप बिश्नोई का कहना है कि सरकार कोरा झूठ बोल रही है। यदि अगले सत्र से चुनाव करवाने का समझौता हुआ था तो सरकार को अब तक प्रक्रिया तो शुरू करनी चाहिए थी। केवल समझौते के अलावा सरकार एक कदम भी आगे नहीं सरकी है और वह केवल छात्रों को गुमराह कर रही है।

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शुक्रवार को इनसो के आंदोलन के दौरान विश्वविद्यालय में पहुंचे कुछ विद्यार्थियों में भी यही चर्चा जोरों पर रही। हालांकि पढ़ाई को प्रमुखता देने वाले विद्यार्थी सीधे तौर पर इस आंदोलन का विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटा रहे लेकिन उनका कहना है कि पढ़ाई के इस व्यस्त समय में इस तरह के आंदोलन नहीं होने चाहिए। छात्रों के अनुसार छात्र वर्ग के लिए छात्र संघ चुनाव की बजाय पढ़ाई ज्यादा जरूरी है। छात्र संघ चुनाव का मुद्दा छात्रों का नहीं बल्कि राजनीतिक दल से जुड़े संगठन का है, जिससे छात्रों को बचना चाहिए।

नये सत्र के लिए हुआ समझौता : शर्मा
हरियाणा के शिक्षा मंत्री राम बिलास शर्मा ने इनसो की भूख हडताल को छात्रों की पढ़ाई के मद्देनजर वापस लेने की अपील की है। एक बयान में उन्होंने कहा कि गत 15 नवंबर 2017 को पंचकूला के रैड बिश्प पर्यटन केंद्र में इनसो प्रमुख दिग्विजय चौटाला की उपस्थिति में हरियाणा के अन्य छात्र नेताओं से बैठक हुई थी। बैठक में उच्चतर शिक्षा विभाग की प्रधान सचिव डॉ. ज्योति अरोड़ा व कई विश्वविद्यालयों के कुलपति व रजिस्ट्रार भी मौजूद थे। इस बैठक में सबकी सहमति से यह निर्णय लिया गया था कि अगले शैक्षणिक सत्र से राज्य के विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में छात्र संघ चुनाव करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि छात्र संघ के चुनाव की मांग को लेकर अब भूख हडताल या अन्य आंदोलन करने का कोई औचित्य नहीं है। विद्यार्थियों के हित को देखते हुए इनसो को अपना भूख हडताल का निर्णय वापस लेना चाहिए। श्री शर्मा ने कहा कि विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों की परीक्षाओं का समय नजदीक आ रहा है। ऐसे में छात्र संघ के चुनाव की मांग को लेकर किए जा रहे प्रदर्शन आदि से विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान होगा।
केवल विरोध करना ही इनेलो का मकसद : सुजीत
भाजपा के जिला महामंत्री सुजीत कुमार का कहना है कि इनेलो व इनसो एक ही चीज है। जिस संगठन का प्रोग्राम होता है, नेता व कार्यकर्ता एक जैसे ही होते हैं। उन्होंने कहा कि अपनी राजनीतिक चमकाने के लिए इनेलो व इनसो जी तोड़ प्रयास कर रही है और इसके चलते ये केवल विरोध को ही अधिमान दे रहे हैं। कभी भूख हड़ताल, कभी काले झंडे तो कभी सड़कें खोदना इनकी फितरत बन चुकी है। वास्तव में छात्र हितों से इनका कोई लेना-देना नहीं है। यदि इन्हें छात्र हितों की थोड़ी सी भी परवाह है तो ये आंदोलन समाप्त करना चाहिए ताकि पढ़ाई प्रभावित न हो।
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