बहावलपुर,
पाकिस्तान में अपनी पहुंच बढ़ाने में लगा हुआ चीन इन दिनों पाकिस्तान-चीन आर्थिक कॉरिडोर (सीपेक) प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। प्रोजेक्ट पर काम के सिलसिले में चीन के इंजीनियर्स और कई स्टाफ पाकिस्तान में ही रह रहे हैं। इसी बीच पाकिस्तान से एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। कहा जा रहा है कि इस वीडियो में जो शख्स पिटाई कर रहे हैं वो चीन के इंजीनियर्स और स्टाफ हैं और जो पिटाई खा रहे हैं वो पाकिस्तान पुलिस के जवान हैं। इस दौरान वहां तमाशबीनों का खासा मजमा भी लग गया था।
बिना सुरक्षा कैंपस नहीं छोड़ सकते चीनी अधिकारी
बहावलपुर से फैसलाबाद तक जाने वाले एम4 मोटरवे के निर्माण में लगे चीनी इंजीनियर्स को पाकिस्तानी प्रशासन की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि वह बिना सिक्योरिटी के कहीं भी ना जाए। इसी बात को लेकर पिछले दिनों पाकिस्तान के पुलिस जवानों और चीनी इंजीनियर्स के विवाद हो गया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान पुलिस के जवानों ने जब चीनी इंजीनियर्स को बाहर जाने से मना किया तो वह आक्रमक हो गए और उनकी पिटाई करनी शुरू कर दी।
रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तान के पुलिस अधिकारियों का कहना है कि चीनी इंजीनियर्स और अन्य अधिकारियों को खानेवाल स्थित उनका कैंपस छोड़ने से मना किया गया है, इसलिए पुलिस के जवान उन्हें वहां से ले जाना चाहते थे।
रेड लाइट एरिया में जाना चाहते थे इंजीनियर
रिपोर्ट्स के मुताबिक 3 अप्रैल को चीनी इंजीनियर्स और दूसरे अधिकारी रेड लाइट एरिया में जाना चाहते थे, लेकिन सुरक्षा अधिकारियों ने उन्हें ऐसा करने से मना कर दिया। विवाद होने के बाद चीनी इंजीनियर्स ने कंस्ट्रक्शन कैंप में स्थित पुलिस कैंप की पावर सप्लाई को बंद कर दिया। इसके बाद 4 अप्रैल को जब इंजीनियर्स काम कर निकले तो उन्होंने भारी मशीनों को रास्ते में ही छोड़ दिया और पुलिस कैंप पर हमला कर दिया।
पंजाब के मुख्यमंत्री शाहबाज को लिखी चिट्ठी
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद इंजीनियर्स ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुख्यमंत्री शाहबाज शरीफ को चिट्ठी लिखी है। इस चिट्ठी में कहा गया है कि पाकिस्तान के पुलिस अधिकारियों ने उन्हें जाने से रोका और फिर उन पर हमला कर दिया। यह कोई पहला मौका नहीं है जब चीनी नागरिकों और पाकिस्तान के पुलिस अधिकारियों के बीच झड़प हुई हो। इससे पहले 2016 में पाकिस्तान पुलिस और चीनी मजदूरों के बीच झगड़ा हो गया था। रिपोर्टस के मुताबिक मजदूर उस समय कंस्ट्रक्शन साइट पर ही रुकने पर अड़े थे, लेकिन पुलिस सुरक्षा कारणों से उन्हें ऐसा करने से रोक रही थी।