आदमपुर
हरियाणा में BJP के लिए आदमपुर सीट पर उपचुनाव जीतना किसी सपने से कम नहीं है। भाजपा 1991 से अब तक 7 बार पार्टी का उम्मीदवार उतार चुकी है। मगर, एक बार भी जीत नहीं सकी। 5 बार तो BJP के कैंडिडेट अपनी जमानत जब्त करा चुके हैं। आदमपुर विधानसभा चुनाव के इतिहास में सिर्फ दो बार ही BJP के प्रत्याशी अपनी जमानत बचा पाए हैं।
पिछले चुनाव में सोनाली फोगाट ने जरूर कांग्रेस से चुनाव लड़े कुलदीप बिश्नोई को कड़ी टक्कर दी थी और जमानत भी बचाई थी। 2019 में आदमपुर उप चुनाव में BJP को टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट संजीवनी दे गई। इस चुनाव में BJP ने अब तक के इतिहास का सबसे बढ़िया प्रदर्शन किया। पूर्व CM भजन लाल परिवार के खिलाफ पहली बार BJP को 27.28% यानि 34222 वोट मिले। पहली बार अकेले चुनाव लड़ते हुए BJP आदमपुर विधानसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रही। इस चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े कुलदीप बिश्नोई ने जीत हासिल की थी।
सोनाली फोगाट से पहले साल 2000 में भी BJP ने बढ़िया प्रदर्शन किया था। इस चुनाव में भाजपा के पूर्व अध्यक्ष गणेशी लाल ने 19 फीसदी यानि 17,117 वोट हासिल कर अपनी जमानत राशि बचा ली थी। तब BJP ने इनेलो के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में प्रोफेसर गणेशी लाल के पास भाजपा संगठन के नाम पर सुनील बंसल और मुनीश ऐलावादी ही मौजूद थे। उनके मैदान में उतरने के बाद ही आदमपुर में संगठन को बनाने का काम आरंभ हुआ। अब प्रोफेसर गणेशी लाल उड़ीसा में राज्यपाल हैं।
1991 में शेरसिंह को 1038 ( 1.42प्रतिशत), 2005 में दलबीर धीरणवास को 4573 (4.1 प्रतिशत) , 2008 उपचुनाव में स्वामी राघवानंद को 1869 (1.6 प्रतिशत) 2009 में पवन खारिया को 1210 (1.15 प्रतिशत) और 2014 में करण सिंह को 8319 (6.90 प्रतिशत) वोट ही प्राप्त हुए। इन चुनावों में BJP उम्मीदवार अपनी जमानत राशि भी नहीं बचा पाए।
आदमपुर विधानसभा सीट पर हमेशा ही पूर्व CM भजन लाल का ही वर्चस्व रहा है। उनकी पत्नी, बेटे और बहू के बाद अब पौत्र के रूप में भव्य बिश्नोई चुनाव मैदान में हैं। इस बार BJP भी भव्य के साथ ही इस सीट के इतिहास को बदलना चाहती है। भव्य के मुकाबले कांग्रेस ने जयप्रकाश को चुनाव मैदान में उतरा है। आम आदमी पार्टी ने सतेंद्र सिंह और इनेलो ने कांग्रेस छोड़कर आए कुरडाराम नंबरदार को टिकट दी है।