पंचकूला,
सीबीआई कोर्ट में आज मानेसर 900 एकड़ लैंड स्केम मामले में सुनवाई हुई। भूपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 4 लोगों ने कोर्ट में हाजिरी माफी लगाई। वहीं इस मामले में कोर्ट ने छत्तर सिंह, एसएस ढिलों, एमएल तायल, जसवंत सिंह सीटीपी और तीन बिल्डर्स को रेगुलर जमानत मंजूर कर ली। इस मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी। अगली सुनवाई के दौरान बाकी आरोपियों को सीबीआई कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए गए हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा अस्वस्थ होने के कारण कोर्ट में पेश नहीं हुए। उनके वकील आरएस चीमा ने हुड्डा का कोर्ट में मेडिकल पेश किया। जिसमें बताया गया है कि हुड्डा अस्वस्थ होने के कारण दिल्ली AIIMS में दाखिल हैं। कोर्ट ने मेडिकल मेडिकल के आधार पर हुड्डा को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी है।
मामले में सीबीआई कोर्ट पंचकूला ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा सहित अन्य सभी 34 आरोपियों को आज पेश होने के लिए सम्मन जारी कर रखे थे। सीबीआई द्वारा 15 अगस्त 2015 को हुड्डा व अन्य के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 465, 467, 471, 120 बी व पीसी अधिनियम 1998 के तहत मानेसर पुलिस स्टेशन में केस दर्ज किया गया था।
उल्लेखनीय है कि मानेसर के पूर्व सरपंच ओमप्रकाश यादव ने इस घोटाले के बारे में शिकायत की थी। बाद में राज्य सरकार की सिफारिश पर यह मामला सीबीआई को सौंपा गया। शिकायतकर्ता के मुताबिक तत्कालीन सरकार के अफसरों और बिल्डरों के बीच गठजोड़ रहा है। इसी के चलते उन्होंने मानेसर, नौरंगपुर व लखनौला गांव की करीब 912 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने के लिए सेक्शन 4, 6 व 9 के तहत नोटिस जारी किए गए । इसके बाद बिल्डर्स ने करीब 400 एकड़ जमीन औने-पौने दामों में खरीद ली और बाद में सरकार से उसे रिलीज करा लिया। कांग्रेस लगातार इस कार्रवाई को सियासी रंजिश का नाम दे रही है।