उत्तर प्रदेश

‘जा जी ले प्रेमी के साथ अपनी जिंदगी’ बोलकर पति ने करवा दी पत्नी की शादी

आगरा,
नौकरी छोड़कर एक शादीशुदा शख्स वैरागी बन गया और फिर अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी से करा दी। दरअसल, झांसी के एक शख्स ने वैराग्य धारण करने के बाद खुशी-खुशी अपनी पत्नी की शादी उसके प्रेमी से करा दी। यह सारा काम थाना पुलिस की मौजूदगी में हुआ। यही नहीं, वैराग्य अपना चुका पति बॉलिवुड फिल्म दिलवाले दुल्हनियां ले जाएंगे के चर्चित डायलॉग की तर्ज पर ‘जा जी ले प्रेमी के साथ अपनी जिंदगी’ बोलकर शादी के आयोजन के बाद वापस झांसी लौट आया।

आगरा के थाना हरिपर्वत में झांसी के प्रेम नगर का रहने वाला शख्स अपनी पत्नी और उसके प्रेमी के साथ पहुंचा। वह अपने साथ एक शपथ पत्र भी लेकर पहुंचा था, जो उसने थाना पुलिस को सौंप दिया। इसके साथ ही वैराग्य धारण कर चुके शख्स ने खुद को एक मंदिर का पुजारी बताया। शपथ पत्र में लिखा था कि उसकी पत्नी किसी और को चाहती है और उससे शादी कर चुकी है। उन्हें इस बात से कोई भी ऐतराज नहीं है।

‘….बच्चों का चेहरा दिखा देना और कुछ नहीं चाहता’
पुजारी ने पुलिस की मौजूदगी में ही अपनी पत्नी को उसके प्रेमी को सौंप दिया। इसके बाद उसने पत्नी से फिल्मी अंदाज में कहा, ‘जा, जी ले अपनी जिंदगी, कभी मेरा मन करे तो बच्चों का चेहरा दिखा देना और कुछ नहीं चाहता।’ जानकारी के मुताबिक, वैराग्य धारण कर चुका शख्स पत्नी के प्रेमी के घर पर आयोजित जश्न में भी शामिल हुआ। इसके बाद वह वापस झांसी लौट गया।

आर्थिक तंगी के चलते आगरा चली गई थी पत्नी
झांसी की रहने वाली महिला की वैराग्य धारण कर चुके शख्स से आठ साल पहले शादी हुई थी, उस दौरान शख्स प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता था। इसके बाद उन्हें दो बच्चे भी हुए और बाद में पति की नौकरी छूट गई। आर्थिक तंगी की वजह से पत्नी आगरा में स्थित जगदीशपुरा में अपनी बहन के घर चली गई और प्राइवेट कंपनी में नौकरी करने लगी। इसके बाद वह लौटकर झांसी नहीं गई।

वैरागी बना पति और पत्नी को मिल गया हमसफर
बेरोजगार हो चुके पति ने वैराग्य धारण कर लिया और एक मंदिर में रहने लगा। बाद में उसी मंदिर में पुजारी का काम करने लगा। बताया जाता है कि इसी बीच आगरा में रह रही पत्नी के संबंध जगदीशपुरा क्षेत्र में रहने वाले जूतों के एक कारीगर से हो गए। उस शख्स की पत्नी भी दो बच्चों के साथ उसे छोड़कर जा चुकी थी। बाद में कारीगर ने पुजारी की पत्नी को उसके दोनों बच्चों समेत अपना लिया और साथ रहने लगा।

‘डरा हुआ था पुजारी, सबको खुद लाया साथ’
थाना हरीपर्वत के एसएसआई ने इस पूरे घटनाक्रम की पुष्टि करते हुए कहा है कि सब कुछ रजामंदी से हुआ। पुलिस को भी लगा कि इसमें कुछ गैरकानूनी नहीं है। हालांकि. पुजारी को यह डर था कि उसकी पत्नी उसके खिलाफ कोई केस न कर दे, इसके लिए वह खुद लिखापढ़ी करने सबको थाने लाया था।

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