देश

बेटे के आतंकी बनने पर मां ने छोड़ा खाना, आतंकी संगठन से बेटे को लौटाने की अपील

डोडा,
बेटे के आतंकी बनने की खबर मिलने के साथ एक बुजुर्ग मां का बुरा हाल है। इस बुजुर्ग मां को बेटे के आतंकी बनने का सदमा इस कदर लगा है कि उसने न केवल अपना खाना छोड़ दिया है, बल्कि तीन दिनों से उसने अपनी दवाइयां भी नहीं खाई हैं। वहीं आतंक के रास्‍ते पर चल पड़े इस युवक के परिजनों ने आतंकी संगठन से अपील की है कि वह उसने बच्‍चे को वापस कर दें। वहीं आतंक के रास्‍ते पर चल पड़े युवक के बड़े भाई ने अपने संदेश में कहा है कि बुजुर्ग माता पिता की सेवा ही सच्‍चा जेहाद है।

सूत्रों के अनुसार, जम्‍मू-कश्‍मीर में बीते कुछ दिनों से कुछ युवकों की तस्‍वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही है। इन तस्‍वीरों में बताया गया है कि इन युवकों ने आतंक का रास्‍ता चुनते हुए हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्‍कर-ए-तैयबा का हाथ थाम लिया है। इन्‍हीं युवकों में एक युवक आमिद भट्ट है। हाथ में AK-47थामें हुए आबिद भट्ट की तस्‍वीर इन दिनों पूरे जम्‍मू-कश्‍मीर में वायरल है। इन तस्‍वीरों को देखने के बाद आमिद के परिवार ने आतंकी संगठनों से आमिद का वापस भेजने की अपील की है।

आतंकी संगठनों से अपनी मार्मिक अपील में आतंकी बने आमिद के बड़े भाई रहमतउल्लाह ने कहा है कि जब से मांग को आमिद बनने की खबर मिली है, उसने खाने का एक भी निवाला अपने मुंह में नहीं डाला है। उसने अपनी दवाएं भी बीते तीन दिनों से खाना छोड़ दिया है। उसने अपने भाई को कहा है कि बुजुर्ग माता-पिता की सेवा ही सच्‍चा जेहाद है। आतंक के रास्‍ते में बुराई के अलावा कुछ नहीं रखा है। वह गुनाह की तरफ जाने वाले आतंक के बुरे रास्‍ते को छोड़कर वापस आ जाए।

उल्‍लेखनीय है कि आतंकी बने आमिद भट्ट का परिवार डोडा जिले के सजन गांव में रहता है। उसके परिवार में माता, पिता और एक बड़ा भाई है। आमिद भट्ट के बडे़ भाई रहमतउल्लाह ने बताया कि आमिद 30 जून से लापता है। उन्‍हें आमिद के आतंकी बनने की जानकारी सोशल मीडिया और पुलिस स्‍टेशन से आई फोन कॉल के जरिए मिली। उन्‍होंने बताया कि उनके भाई का न ही कोई आपराधिक इतिहास रहा है और न ही वह किसी आतंकी संगठन या आतंकी गतिविधि में शामिल रहा है।

भट्ट के बड़े भाई रहमतउल्लाह ने बताया कि कुछ दिनों पहले उन्‍हें स्‍थानीय पुलिस स्‍टेशन से फोन आया था। फोन पर पुलिस वाले आमिद के बारे में पूछताछ कर रहे थे। मैने उनसे यही कहा कि मुझे इस बात की जानकारी नहीं है कि है कि वह कहां और किसके पास है। मैने पुलिस को बताया कि अक्‍सर आमिद काम के सिलसिले में घर से बाहर रहता था। वह महीने में सिर्फ दो बार घर आता था। इस बीच वह कहां जाता था या किससे मिलता था, इसकी जानकारी उन्‍हें नहीं है।

वहीं, इस बाबत डोडा के एसएसपी शबीर अहमद का कहना है कि आमिद के आतंकी बनने की जानकारी उन्‍हें सोशल मीडिया के जरिए मिली है। पुलिस इस फोटो की सत्‍यता जांचने के साथ यह पता लगाने का प्रयास भी कर रही है कि आमिद आतंकी संगठन के संपर्क में कब और कैसे आया।

जीवन आधार पत्रिका यानि एक जगह सभी जानकारी..व्यक्तिगत विकास के साथ—साथ पारिवारिक सुरक्षा गारंटी और मासिक आमदनी और नौकरी भी..अधिक जानकारी के लिए यहां क्लिक करे।

Related posts

दिल्ली-NCR में बारिश के साथ बढ़ी ठंड, जहरीली हवा से मिली राहत

Jeewan Aadhar Editor Desk

AAP के 20 विधायकों की जा सकती है सदस्यता, EC ने राष्ट्रपति को भेजी सिफारिश

हाईकोर्ट ने कहा,अगड़ी जाति के गरीबों को शिक्षा और रोजगार में आरक्षण देने पर विचार करे सरकार

Jeewan Aadhar Editor Desk