नई दिल्ली,
जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक 28 सितंबर यानी शुक्रवार को होनी है। इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। लेकिन, इस मीटिंग में केरल में आई आपदा को ध्यान में रखकर भी चर्चा होनी है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस मीटिंग के बाद सिगरेट महंगी हो सकती है। दरअसल, जीएसटी काउंसिल की मीटिंग में सिगरेट पर आपदा सेस लगाने की चर्चा हो सकती है। इन्वेस्टमेंट कंपनी CLSA ने एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, 28 सितंबर को होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में आपदा सेस लगाने पर फैसला हो सकता है।
केरल से होगी शुरुआत
CLSA के मुताबिक, आपदा सेस की शुरुआत केरल से हो सकती है। CLSA ने कहा है कि सिगरेट पर सेस लगने से आईटीसी सिगरेट के दाम 5-6 फीसदी बढ़ा सकती है। सिगरेट पर लगने वाले इस सेस से होने वाली अतिरिक्त कमाई का इस्तेमाल केरल में होगा। बाढ़ग्रस्त केरल को दोबारा बेहतर स्थिति में पहुंचाने के लिए इस सेस से होने वाली आय का इस्तेमाल होगा। आपको बता दें, पिछले दिनों केरल में आई बाढ़ से वहां करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ था।
बढ़ जाएंगे दाम
सिगरेट पर लगने वाले सेस में बढ़ोतरी होने पर सिगरेट के दाम पर कोई परिवर्तन नहीं होता। हालांकि, आपदा सेस लगने की स्थिति में कंपनियां सिगरेट के दाम बढ़ा सकती हैं। CLSA के मुताबिक, आईटीसी सिगरेट पर आपदा सेस लगने के बाद 5-6 फीसदी बढ़ा सकती है। ऐसे में फुटकर दाम में भी इजाफा होना तय है। अगर ऐसा होता है तो खुले में सिगरेट के दाम एक से दो रुपए तक बढ़ सकते हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी की थी सिफारिश
फरवरी 2018 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सिगेरट, जर्दा और खैनी पर सेस लगाने की सिफारिश की थी। सेहत को होने वाले नुकसान को देखते हुए इस पर सेस बढ़ाया जाना था। हालांकि, अभी तक ऐसा नहीं हुआ। स्वास्थ्य मंत्रालय ने इसके लिए वित्त मंत्रालय को एक प्रस्ताव भी भेजा था। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, जर्दे पर सेस 250 फीसदी करने और सिगरेट पर सेस 20 फीसदी करने का प्रस्ताव भेजा गया था।
पिछले साल भी बढ़ाया गया था सेस
पिछले साल भी सिगरेट पर अतिरिक्त सेस लगाया गया था। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, अतिरिक्त सेस से सरकार 5000 करोड़ का रेवेन्यू हासिल करने का अनुमान है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा था कि जीएसटी दरें तय होने के बाद विसंगति की वजह से सिगरेट बनाने वाली कंपनियां ‘अप्रत्याशित’ लाभ कमा रही थीं और इसी के मद्देनजर यह कदम उठाया गया। हालांकि, सेस में बढ़ोतरी से सिगरेट कीमतों में बदलाव नहीं होगा।