हिसार

देश की तरक्की के लिए समाज के अंतिम वर्ग की महिलाओं को ​साक्षर करना आवश्यक—अनीता शर्मा

बरवाला,
हरियाणा ज्ञान—विज्ञान समिति द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर सावित्रीबाई फुले पुस्तकालय बहबलपुर में सेमिनार का आयोजन किया गया। इस सेमिनार की अध्यक्षता महिला नेत्री नारायणी बर्कीखेड़ी ने की जबकि सुशीला बहबलपुर ने किया। सेमिनार की मुख्य वक्ता हरियाणा ज्ञान विज्ञान समिति की अध्यक्ष अनीता शर्मा ने कहा अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस हर वर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है। विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान, प्रशंसा और प्यार प्रकट करते हुए इस दिन को महिलाओं के आर्थिक, राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियों के उत्सव के तौर पर मनाया जाता है। कुछ क्षेत्रों में यह दिवस अपना राजनीतिक मूलस्वरूप खो चुका है।
उन्होंने बताया कि सबसे पहले महिला दिवस न्यूयॉर्क शहर में 1909 में एक समाजवादी राजनीतिक कार्यक्रम के रूप में आयोजित किया गया था। 1917 में सोवियत संघ ने इस दिन को एक राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया और बाद में आसपास के अन्य देशों में फैल गया। उन्होंने भारत में महिलाओं की स्थिती को पहले की तुलना में काफी अच्छी बताया। वर्तमान समय पर बोलते हुए अनीता शर्मा ने ​कहा कि भारत में काफी तेजी से महिलाओं की स्थिती में बदलाव आ रहा है। देश के लिए यह एक अच्छा संकेत है। लेकिन इस दिशा में अभी बहुत काम करने की आवश्यकता है। जब तक समाज के अंतिम वर्ग तक की महिलाएं पढ़—लिखकर आगे नहीं बढ़ेगी, समाज तरक्की नहीं कर सकता। इसके लिए सरकार और समाज को मिलकर प्रयास करने होंगे।
इस मौके पर जनवादी लेखक संघ के राज्य महासचिव मास्टर रोहतास एवं जनवादी लेखक संघ जिला सचिव सरदानन्द राजली, खुशी राम, खुशी खान, रमेशचन्द्र सहित आसपास के कई गांवों की महिलाएं उपस्थित थी।
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Jeewan Aadhar Editor Desk

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