हिसार

जग में सुंदर है बस दो नाम, जय श्री श्याम और जय हनुमान

जय श्री श्याम मंडल का 12वां श्री श्याम वंदना महोत्व एवं भक्त मेला का भव्य आयोजन

हिसार
रविवार को पुराना गवर्नमेंट कॉलेज में खाटू नरेश बाबा श्री श्याम की महिमा और भक्ति का ऐसा संगीतमय गुणगान हुआ कि पंडाल में उपस्थित भक्त झूम उठे। मौका था जय श्री श्याम मंडल के 12वें श्री श्याम वंदना महोत्व एवं भक्त मेला के कार्यक्रम का। सुबह दस बजे के बाद शुरू हुई श्याम वंदना देर रात तक चलती रही और भव्य दरबार में वातावरण में फैली फूलों की खुशबू के बीच भक्त खाटू नरेश की भक्ति में डूबे रहे। अलग-अलग जगहों से आये कलाकारों ने श्री श्याम भक्ति की दिल को छू देने वाली स्वर लहरियां छोड़ी तो भक्त भाव विभोर हो गये। महिला, पुरुष, बच्चे और बुजुर्ग सभी ने बाबा की भक्ति को अपने दिल में उतारा। कलकत्ता के कलाकार आदित्य जालान के द्वारा की गयी बाबा श्री श्याम के दरबार की सज्जा देखते ही बनती थी और बाबा के शृंगार को हर कोई अपने हृदय में बसा लेना चाहता था। दक्षिण भारत की स्थापत्य कला को हिसार में जीवंत करके दरबार की रचना की गयी थी।
श्री श्याम वंदना महोत्सव की शुरुआत हिसार के भजन गायक कपिल जिंदल की गणेश वंदना से हुई। गणेश वंदना के दौरान ही बाबा की ज्योति प्रज्जवलित की गयी। गुणेश वंदना के बाद बाबा की भक्ति की रसधारा बहती चली गयी और देर रात तक चलती रही। भूना से आये कलाकार सोनू सिंगला ने ‘हाजरी लिखवाता हूं हर ग्यारस में, मिलती है तन्खा मुझे बारस में, दो दिन के बदले में तीस दिनों तक मौज करू, अपने ठाकुर की सेवा भजनों से रोज करूÓ भजन के साथ सभी भक्तों की हाजरी श्याम दरबार में लगायी। रोहतक के हरियाणवी भजन कलाकार सोनू लक्खा ने जब हरियाणवी भजन ‘टिकट या जयपुर की कटवायी, चूरमा देसी घी का लायी, रिंगस से ध्वजा उठाई, श्याम की जय जयकार लगायी, गले में पटका श्याम का लटके, श्याम के दर्शन ने चाली, जाटणी खाटू नै चालीÓ गाया तो सभी भक्त अपनी जगह से उठकर झूमने लगे।
इसके बाद सीकर से आये चैतन्य दधिच ने बाबा श्याम के गुणगान में एक से बढ़कर एक भजनों की तान छेड़ दी। चैतन्य ने ‘जग में सुंदर है बस दो नाम, जय श्री श्याम और जय हनुमानÓ, ‘श्याम बाबा तेरे पास आया हूं चरणों में तेरे अरदास लाया हूंÓ, ‘मनड़ा माहरा घबरावे, धीरज टूटा सा जावे, दीजो सहारा म्हारो सांवराÓ जैसे भजनों को राजस्थानी संगीत की स्वर लहरियों पर सजाकर गाया। इसके बाद चैतन्य व उनकी मंडली ने राजस्थानी लोक संस्कृति से जुड़ी ढपली थाप छेड़कर सबको झूमने पर मजबूर कर दिया। इसके बाद पटना की भजन गायिका गिन्नी कौर ने ‘मन्नै श्याम नाम बिना और नहीं कुछ भावे सैÓ व ‘कुछ तो है सरकार तेरी सरकारी मेंÓ जैसे भजनों से श्याम वंदना को और आगे बढ़ाया। अंत में बहन पूर्णिमा साध्वी के भक्ति से ओतप्रोत भजनों ने भक्तों को पूरी तरह से बाबा श्याम की भक्ति में डूबो दिया। पूर्णिमा साध्वी के भजनों ‘मुझे तूने बाबा सब कुछ दिया है तेरा शुक्रिया है तेरा शुक्रिया हैÓ, ‘एक बार हम से सावरे नजरें मिलाइये, नजरें मिलाकर आप जरा मुस्कुराइयेÓ, ले बाबा का नाम अमृत बसरेगा, बरसेगा रे बरसेगा, तू तो ले बाबा का नाम अमृत बसरेगा। चिंता सारी मिट जायेगी, जीवन में खुशियां आयेगी, तेरे हो जायें पूर्ण काम अमृत बरसेगाÓ से श्याम भक्तों पर भक्ति का खूमार चढ़ता चला गया।
जय श्री श्याम मंडल के प्रधान हुनेश्वर गोस्वामी, मंडल के संस्थापक सतीश जिंदल, महासचिव संजय मंगल व कोषाध्यक्ष कपिल जिंदल के अनुसार इस वंदना महोत्सव व भक्त मेले में चूरमे का प्रसाद, फूलों का अनोखा शृंगार, पंच मेवा, छप्पन भोग, 51 अखंड ज्योत, करमा बाई का खिचड़ा, कंदमूल एवं पान प्रसाद का भक्तों ने जी भरकर लुत्फ उठाया।

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