अपनी विफलता पर माफी मांगते हुए रानी नागर को दोबारा ज्वाइन करवाए खट्टर सरकार
हिसार,
जिस हरियाणा की धरती से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था, शर्मनाक है कि वहां की सरकार एक आईएएस बेटी को भी सुरक्षा का भरोसा नहीं दे पाई। यह बात आईएएस रानी नागर द्वारा असुरक्षा और प्रताडऩा के आरोपों के साथ दिए गए इस्तीफे को लेकर हरियाणा सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व पार्षद मान सिंह चौहान ने कही। चौहान ने कहा कि हरियाणा सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग में अधिकारी के तौर पर कार्य कर रही रानी नागर पिछले काफी समय से खट्टर सरकार से सुरक्षा व न्याय की गुहार लगा रही थी लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई इसलिए मजबूरन उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। रानी नागर ने अपने इस्तीफे में साफ लिखा है कि हरियाणा सरकार उन्हें सुरक्षा मुहैय्या करवाने में पूरी तरफ नाकाम है इसलिए उन्हें अपनी सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मजबूरन इस्तीफा देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा हरियाणा में महिला अधिकारियों की प्रताडऩा का यह कोई पहला मामला नहीं है इससे पहले आईपीएस अधिकारी संगीता कालिया भी इसी प्रकार के हालातों का शिकार रह चुकी हैं।
पूर्व निगम पार्षद मान सिंह चौहान ने कहा कि एक महिला आईएएस अधिकारी को सुरक्षित माहौल उपलब्ध ना करवा पाना प्रदेश सरकार के लिए शर्मनाक और हरियाणा प्रदेश के लिए दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि जिस प्रदेश में महिला उच्चाधिकारी तक सुरक्षित नहीं है उस प्रदेश में साधारण महिला व बेटियों की सुरक्षा का अंदाजा आप स्वयं ही लगा सकते हैं। उन्होंने कहा कि जिन अधिकारियों के हाथों में प्रदेश की सुरक्षा की कमान होती है जब वे ही सुरक्षित नहीं है तो जन साधारण को तो अपनी सुरक्षा का मामला भूल ही जाना चाहिए। मान सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश सरकार को अपनी इस विफलता पर सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए पूर्ण सुरक्षित माहौल के वायदे के साथ आईएएस रानी नागर को दोबारा ज्वाइनिंग करवानी चाहिए जिससे हरियाणा की हर बहन-बेटी अपने आपको प्रदेश में सुरक्षित महसूस कर सके। केवल खोखले नारे देने और आडंबरों से बेटियों को सुरक्षा और शिक्षा उपलब्ध नहीं हो सकती बल्कि सरकार को इसके लिए धरातल पर काम करते हुए ठोस कदम उठाने पड़ेंगे।