मानव संसाधन व विकास मंत्रालय द्वारा जारी की गई थी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फे्रमवर्क रैंकिग
हिसार,
केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020 के लिए जारी नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिग में हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार के गृह विज्ञान महाविद्यालय को हरियाणा में प्रथम स्थान हासिल हुआ है जबकि ओवरआल रैंकिग में देशभर में 49वां स्थान मिला है। गत दिवस केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2020 के लिए नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिग फ्रेमवर्क (NIRF) रैंकिग जारी की गई है। उल्लेखनीय है कि इस रैंकिंग में देशभर से यूजीसी व आईसीएआर के अंतर्गत सभी साइंस, आर्ट्स, सोशल साइंस व अपलाइड सांइस के महाविद्यालय शामिल किए गए थे, इस रैंकिंग में कुल पाँच मापदण्ड लिए गए थे जिसमें गृहविज्ञान महाविद्यालय ने शिक्षण एवं संसाधनों के अंतर्गत 100 में से 61.21 अंक, स्नातक परिणाम में 80.42 अंक और बाहर की विशिष्टता में 62.48 अंक हासिल किए हैं।
पहले भी मिल चुके हैं विश्वविद्यालय को कई अवार्ड
यहां उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व राष्ट्रीय स्तर पर इस विश्वविद्यालय को अनुसंधान, शिक्षा व विस्तार के क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियों के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद द्वारा ़वर्ष 1996 में बेस्ट इंस्टीट्यूशन अवार्ड, 2016 में सरदार पटेल सर्वश्रेष्ठ भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् संस्थान अवार्ड तथा हाल ही में इसे पंडित दीनदयाल उपाध्याय कृषि विज्ञान पुरस्कार, 2017, हरियाणा किसान रत्न पुरस्कार 2018 व कृषि शिक्षा सम्मान अवार्ड 2018 से नवाजा जा चुका है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने भी छात्रों के बीच नवाचार की संस्कृति को व्यवस्थित रूप से बढ़ावा देने के लिए इंस्टीट्यूशन इनोवेशन सैल की स्थापना के लिए इस विश्वविद्यालय को प्रमाण पत्र प्रदान किया है। इनके अतिरिक्त भी इस विश्वविद्यालय ने अब तक राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कई अन्य पुरस्कार प्राप्त किये हैं।
इस विश्वविद्यालय ने विभिन्न फसलों, फलों और सब्जियों की लगभग 282 किस्मों व संकरों की पहचान व विमोचन किया है। इनमें से कुछ किस्में अन्य राज्यों और यहां तक कि विदेशों में भी लोकप्रिय हुई हैं। इन किस्मों के परिणामस्वरूप चावल, कपास, गेहूं, दलहन, तिलहन व बाजरा उत्पादन में कई गुणा वृद्धि हुई है। विश्वविद्यालय द्वारा विकसित तकनीकों के कारण वर्तमान में राष्ट्रीय खाद्य भण्डार में योगदान करने वाले राज्यों में हरियाणा का दूसरा स्थान है।
इस विश्वविद्यालय के छात्रों, फैकल्टी एक्सचेेंज, संयुक्त अनुसंधान परियोजनाओं और पारस्परिक हित के अन्य व्यवसायिक गतिविधियों के संदर्भ में यूरोप, अमेरिका और एशिया के दो दर्जन से अधिक प्रमुख विश्वविद्यालयों के साथ अनुबंध हैं और यहां विकसित की गई तकनीकों के व्यावसायीकरण के लिए करीब 520 सरकारी और गैरसरकारी कंपनियों व संस्थानों के साथ समझौते किये गये हैं।
विश्वविद्यालय की हालिया पहल जैसाकि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए इनोवेशन सैंटर की स्थापना, सैंटर फार बायोनैनाटैकनोलोजी, कॉलेज आफ एग्रीपेन्योर व बिजनेस मैनेजमेंट, दीनदयाल उपाध्याय सैंटर ऑफ एक्सीलेंस फार आर्गेनिक फार्मिंग, एग्री टूरिज्म पार्क, यूनिवर्सिटी इनोवेशन सैंटर, एग्री बिजनेस इनक्यूबेशन सैंटर, आधुनिक स्वदेशी बीज बैंक और आरकेवीवाई इनक्यूबेटर को भी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा जा रहा है और नये स्टार्टअप वैश्विक और राष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित कर रहे हैं। विश्वविद्यालय ने इन्सपायरिंग एग्रीपेन्योर की टैगलाइन की तहत बेरोजगार ग्रामीण युवाओं, किसानों और उद्यामियों के लिए भारत के कृषि कौशल परिषद् के सहयोग से पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर कौशल विकास पाठ्यक्रम शुरू किये हैं।
कुलपति प्रो. के.पी. सिंह ने कहा कि यह रैंकिंग हरियाणा राज्य तथा इस विश्वविद्यालय की फैकल्टी, गैरशिक्षक कर्मचारियों तथा विद्यार्थियों के लिए गर्व और हर्ष का विषय है। उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय किसानों को समर्पित है इसलिए भविष्य में भी यह नवीन कृषि प्रौद्योगिकी विकास के द्वारा किसानों के कल्याण के लिए निरन्तर प्रयत्नशील रहेगा। उन्होंने कहा फिलहाल हम वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुणा करने के लक्ष्य को लेकर और कृषि की वर्तमान समस्याओं के निवारण के लिए प्रयत्नशील हंै। कुलपति महोदय ने गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बिमला ढांडा व गृह विज्ञान महाविद्यालय मे एनआइआरएफ की नॉडल ऑफिसर डॉ. सुषमा कौशिक को बधाई दी। गृह विज्ञान महाविद्यालय की अधिष्ठाता डॉ. बिमला ढांडा ने बताया कि अनुसंधान व व्यावसायिक कार्य एवं सहकर्मी की धारणा की दिशा में ओर अधिक परिश्रम की आवश्यकता है ताकि भविष्य में रैंकिग में ओर अधिक सुधार हो सके।